जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक आयोजित

देहरादून। जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक सांसद टिहरी श्रीमती माला राज्य लक्ष्मी शाह की अध्यक्षता में राजपुर रोड मंथन सभागार में आयोजित की गयी।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी जी.एस रावत द्वारा पिछली बैठक में उठाये गये प्रश्नों की अनुपालन आख्या प्रस्तुत करते हुए सभी सदस्यों का स्वागत किया। इसके पश्चात जनपद के सभी विभागीय अधिकारियों ने अपने-अपने विभाग में चलाई जहा रही विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति, लक्ष्य और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विभागों द्वारा बनाये गये मैकेनिज्म से सदन को बारी-बारी से अवगत कराया। बैठक में स्मार्ट सिटी प्लान के अन्तर्गत सम्बन्धित अधिकारियों ने बताया कि इस योजना के तहत् देहरादून में एकीकृत कमाण्ड एवं नियंत्रण केन्द्र, वाटर ए.टी.एम, स्मार्ट टाॅयलेट, स्मार्ट कक्षा, स्मार्ट सड़कें, मल्टी यूटिलिटी डक्ट, सीवरेज, पेयजल और डेªनज प्रबन्धन, स्मार्ट बिन, इलेक्ट्रानिक बस, परेड ग्राउण्ड पुनः विकास, पल्टन बाजार फैकेड डेवलपमेन्ट, ग्रीन बिल्डिंग ऐस्लेहाॅल फसाड इक्यूपमैन्ट पर काम किया जायेगा।
जिला विकास अधिकारी प्रदीप पाण्डेय ने अवगत कराया कि मनरेगा योजना के तहत् माह जनवरी के वित्तीय लक्ष्य के सापेक्ष कुल वित्तीय प्रगति लक्ष्य के सापेक्ष 102.90 प्रतिशत् है ओर जिन ग्राम पंचायतों ने ग्राम पंचायतों में कूड़ा उठाने हेतु ग्रीन रिक्शा की मांग की थी। उनको ग्रीन रिक्शे उपलब्ध करवा दिये गये हैं। मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, जैविक कार्यक्रम और मृदा स्वास्थ्य कार्ड, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की प्रगति से सदन को अवगत कराया। इसके अतिरिक्त विभिन्न विभागों ने डिजिटल भारत के तहत् प्रत्येक ग्राम पंचायतों में सामान्य सेवा केन्द्र उपलब्ध कराने, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण व शहरी, दीनदयाल उपाध्याय कौशल योजना, श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम, दीनदयाल अंत्योदय योजना, समेकित बाल विकास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना(सभी के लिए शहरी आवास), राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, सर्व शिक्षा अभियान, मिड-डे-मिल स्कीम, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना इत्यादि की प्रगति से सदन को अवगत कराया।
समिति के सदस्य खेमचन्द गुप्त ने चकराता में तीन गावों की आबादी की रोड से कलेक्टिविटी से सम्बन्धित प्रस्ताव पर उचित संज्ञान लेने, विकासनगर में खनन क्षेत्र में अध्ययतन् बच्चों को फर्नीचर उपलब्ध करवाने और राज्य मासिक चिकित्सा संस्थान सेलाकुई में सौर उर्जा से विद्युत व्यवस्था स्थापित करने की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिये।
मुख्य विकास अधिकारी जी.एस रावत ने कौशल विकास से जुड़े अधिकारियों से स्कील्ड स्कीम में लाभार्थियों के चयन और प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके लाभार्थियों को प्लेसमेन्ट देने की प्रक्रिया पूछी। उन्होंने मध्याह भोजन योजना (एमडीएम) के तहत् शिक्षा विभाग को स्थानीय उत्पादों (दाल, सब्जी, अनाज) इत्यादि को विद्यालय प्रबन्धन समिति के माध्यम से मार्केट के क्रय न करने सीधे स्थानीय किसानों अथवा स्वयं सहायता समूहों से क्रय करने की बात कही, जिससे स्थानीय उत्पादों की बिक्री को बढावा मिले और उनकी मार्केटिंग भी बढे। मुख्य विकास अधिकारी ने अवगत कराया कि विधायक निधि से 10 प्रतिशत् फण्ड अनिवार्य रूप से साॅलिड वेस्ट मैनेजमैन्ट में खर्च का प्रावधान होने के चलते ग्राम पंचायतों को सैनिटेशन सुधार हेतु अधिक संसाधन उपलब्ध हो रहे हैं।
जिलाधिकारी एस.ए मुरूगेशन ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि सांसद द्वारा दिये गये निर्देशों का अक्षरशः पालन करते हुए केन्द्र और राज्यस्तर की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति बढायें और आपसी समन्वय से कार्य करें। उन्होंने स्मार्ट सिटी प्लान में कक्षा के विकास में मुख्य शिक्षाधिकारी को जरूरी सहयोग प्रदान के भी निर्देश दिय।
साथ ही जिलाधिकारी ने माननीय सांसद महोदय ने कहा कि यह जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की इस बार की आखिरी बैठक है और उन्होंने सभी अधिकारियों और कार्मिकों काके विभिन्न विकास कार्यों में किये गये सहयोग का आभार व्यक्त किया साथ ही निर्देश दिये कि न केवल योजनाओं का बेहतर इम्प्लिमेन्ट करें बल्कि लोगों के बीच योजना और उसको लाभ प्राप्त करने की प्रक्रिया का भी प्रचार-प्रसार करें।इस अवसर पर मेयर सुनील गामा, अपर आयुक्त नगर निगम नीरज जोशी सहित जनपदीय अधिकारी और समिति के सदस्य उपस्थित थे।

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