आपदा तैयारियों को परखने के लिए प्रशासन ने जोशीमठ में किया माॅकड्रिल
चमोली। मानसून सत्र में दैवीय आपदा से होने वाले क्षति को कम करने तथा रेस्क्यू आॅपरेशन को प्रभावी एवं व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के उदेश्य से जिला प्रशासन ने आज जोशीमठ में माॅकड्रिल अभ्यास किया। जिला आपदा कन्ट्रोल रूम से सुबह 10 बजे विकासखण्ड जोशीमठ में भारी बारिश के कारण यातायात मार्ग अवरूद्व होने तथा जानमाल के साथ कुछ आवासीय भवनों के क्षत्रिग्रस्त होने की सूचना मिली। सूचना मिलते ही आईआरएस के सभी नोडल अधिकारी तहसील कन्ट्रोल रूम जोशीमठ में एकत्रित हुए। एसडीएम जोशीमठ द्वारा नुकसान के संबध में आॅपरेशन सैक्सन, प्लानिंग सैक्सन एवं लाॅजिस्टिक सैक्सन चीफ अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की गयी तथा गांधी मैदान स्थित स्टैजिंग एरिया के मैनेजर को सूचित करते हुए टीमें तैयार रखने के निर्देश दिये गये। कन्ट्रोल रूम से 10ः35 बजे सचूना मिली कि भारी वर्षा के कारण सुनील गांव में तथा जोशीमठ तपोवन सड़क पर पुलिस ट्रैफिक चैक पोस्ट के निकट कुछ भवनों के क्षतिग्रस्त होने व भूस्खलन होने से कुछ लोग मलवे में दबे गये है। स्टैजिंग एरिया में आईटीबीपी, पुलिस, स्वास्थ्य एवं विकासखण्ड स्तरीय अधिकरियों की दो अलगअलग टास्कफोर्स टीमों का गठन किया गया। पहली टास्कफोर्स टीम को सुनील गांव तथा दूसरी टीम को तपोवन सड़क पर टीसीपी स्थल में रेस्क्यू आॅपेरेशन के लिए रवाना किया गया। शीघ्र ही रेस्क्यू टीमें अपनेअपने स्थलों पर पहुॅची। भारी वर्षा के कारण मकानों के क्षतिग्रस्त होने से 08 लोगों की मृत्यु, 02 व्यक्ति घायल, 05 भवन पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त, 10 भवन आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त तथा 15 मवेशियों की मृत्यु माॅकड्रिल के दौरान दिखायी गयी। वही 200 लोगों को रेस्क्यू कर रिलीफ सेन्टर जीआईसी जोशीमठ, नगर पालिका एवं प्रा.वि. गोरंग पहुॅचाया गया। रिलीफ सेन्टरों में भोजन, पानी व ठहरने की व्यवस्था प्रशासन द्वारा दिखाया गयी। सुनील गांव के निकट हुई घटना में गम्भीर रूप से घायल एक व्यक्ति को एम्बुलेंस से आर्मी हाॅस्पिटल जोशीमठ में भर्ती किया गया। वही सामान्य रूप से घायल व्यक्तियों का मौके पर ही प्राथमिक उपचार किया गया। दो घण्टे तक चले माॅकड्रिल रेस्क्यू आॅपरेशन के बाद सभी टास्कफोर्स टीमें स्टैजिंग एरिया में एकत्रित हुई। स्टैजिंग एरिया जोशीमठ में जिलाधिकारी आशीष जोशी ने रेस्क्ूय टीमों तथा नोडल अधिकारियों को संबोधित कर माॅकड्रिल अभ्यास के दौरान उनके अनुभवों को जाना। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद चमोली आपदा की दृष्टि से अत्यन्त संवेदनशील है। मानसून अवधि में आपदा आने पर जनधन की क्षति के साथ ही सार्वजनिक एवं व्यक्तिगत संपत्ति के नुकसान को कम करने के लिए माॅकड्रिल अभ्यास किया गया है। उन्होंने कहा इस प्रकार के माॅक अभ्यास अन्य तहसीलों में भी किये जायेंगे। कहा कि आपदा की दृष्टि से सभी तहसीलों में स्टैजिंग एरिया के साथसाथ रिलीफ सेन्टर चिन्हित किये गये है। उन्होंने रिलीफ सेन्टर के नोडल अधिकारियों को निर्देश दिये कि वास्तविक आपदा आने पर समय से अपने रिलीफ सेन्टर पहुॅचे तथा रिलीफ सेन्टर मंें बिजली, पानी व भोजन व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि माॅकड्रिल अभ्यास के दौरान कम्युनिकेशन में कुछ कमियां आॅब्जर्ब की गयी है जिसे भविष्य में ठीक करने को कहा गया। उन्होंने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को किसी भी आपदा से निपटने के लिए हर समय फिजिकली एवं मैन्टली तैयार रहने को कहा है। अपर जिलाधिकारी ईला गिरि ने पाॅवर प्रजेन्टेशन के माध्यम से सभी नोडल अधिकारियों व टास्कफोर्स टीमों को इन्सीडेन्ट रिसपोंन्स सिस्टम की जानकारी देते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिये। इस अवसर पर उप जिलाधिकारी योगन्द्र सिंह, सीटीओ वीरेन्द्र कुमार, पुलिस उपाधीक्षक श्री मतदवाल, नोडल अधिकारी कुशल सिंह भण्डारी, एसडीओ वन सर्वेस कुमार दुबे, आपदा प्रबन्धन अधिकारी नन्द किशोर जोशी, बीडीओ बीएस बजवाल सहित आईआरएस से जुडे़ तहसील स्तरीय खाद्यान, राजस्व, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल, पुलिस, आईटीबीपी के अधिकारी/कर्मचारी शामिल थे।