देहरादून। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शामिल आजाद अली कभी भी भाजपा में शामिल हो सकते है। भाजपा के आला नेताओं से लगातार दिल्ली में हो रही मुलाकात तो फिलहाल इसी ओर इशारा कर रही है।
उत्तराखंड में कांग्रेस को मजबूत बनाने की दिशा में आजाद अली द्वारा हर सम्भव प्रयास किये गये। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के उनकी (आजाद अली की) मांगो पर आश्वासन के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की गयी, जिसके बाद से वह हरीश रावत से खासे नाराज चल रहे थे। उनकी नाराजगी कई बार कांग्रेस के कार्यक्रमों में भी देखने को मिली। शायद इसी नाराजगी के चलते आजाद अली का जहां कांग्रेस से मोहभंग हो गया, वहीं भाजपा की ओर अच्छा खासा रूझान हो गया।
सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ दिनों से उत्तराखंड सहित दिल्ली में जिस तरह से आजाद अली भाजपा के आला नेताओं से लगातार मुलाकात कर रहे है, उसके बाद से उनका भाजपा में शामिल होने की अटकले तेज हो गयी है। यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा, तो आने वाले दिनों में आजाद अली भाजपा में शामिल होकर कांग्रेस के खिलाफ बोलते नजर आएंगे। गौरतलब है कि हरीश रावत की कार्यशैली से नाराज होकर ही विजय बहुगुणा के साथ कई मंत्री, विधायकों ने कांग्रेस से बगावत कर भाजपा का दामन थामा और विस चुनाव मंे जीत हासिल कर हरीश रावत के उन दावों को आइना दिखाया, जिसमें उन्होंने किसी भी बागी को जीतने न देने की बात कही थी।