देहरादून। प्रदेश में 29571 प्राकृतिक जलस्रेत हैं, लेकिन वातावरण में बदलाव से कई स्रेतों पर संकट है। सरकार इन जल स्रेतों को बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने सदन में एक सवाल के जवाब में यह बात कही।प्रीतम सिंह के सवाल पर उन्होंने बताया है कि वर्तमान में 296 पंपिंग स्टेशन संचालित हैं। इसके अलावा 110 पंपिंग स्टेशन निर्माणाधीन भी हैं। उन्होंने बताया कि इसके बावजूद नगरीय क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही आबादी के चलते पानी की किल्लत बढ़ रही है, लेकिन सरकार के स्तर पर हर तरह के उपाय किये जा रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश ने सुझाव दिया कि पुरानी लाइनों के चलते पानी का लीकेज हो रहा है। इन्हें बदल दिया जाए तो काफी हद तक समस्या से निजात मिल जाएगी। महेन्द्र भट्ट ने पहाड़ी क्षेत्र के बिजली परियोजनाओं के चलते जलस्रेत सूखने की बात रखी। उन्होंने सुझाव दिया कि परियोजना बनाने वालों से प्रभावित गांवों में पंपिंग करके पानी दिलवाया जा सकता है। पेयजल मंत्री ने कहा कि ऐसा सीएसआर से किया जा सकता है। सरकार पहल करेगी। पंत ने बताया कि प्रदेशभर में 31800 हैंडपंप हैं। जिसमें से 20000 चालू हालत में हैं। इनमें से 316 स्थायी रूप से खराब व 705 अस्थाई रूप से खराब हैं। ममता राकेश ने भगवानपुर क्षेत्र में दूषित पानी के साथ ही कई हैंडपपों के खराब होने की जानकारी दी। पंत ने बताया कि वहां 895 हैंडपंप खराब थे, जिसमें से 710 को चालू कर दिया है। 255 स्थाई रूप से खराब हो गये हैं। उन्होंने दूषित पानी देने वाले हैंडपंपों को शिफ्ट करने का भरोसा दिया।