देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। प्रदेश के कृषि, कृषि विपणन, कृषि प्रसंस्करण, कृषि शिक्षा, उद्यान एवं फलोद्योग एवं रेशम विकास मंत्री सुबोध उनियाल ने विधान सभा स्थित कार्यालय कक्ष में जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखण्ड को जैविक राज्य बनाने की दिशा में उठाये गये कदम के सकारात्मक परिणाम मिलने लगे हैं।
उन्होंने कहा प्रदेश सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कटिबद्ध है। इसी क्रम में सरकार विधानसभा के आगामी सत्र में मंडी एक्ट के तहत रिवाल्विंग फंड में संशोधन विधेयक लाने जा रही है। जिसकी सैद्धान्तिक स्वीकृति पौड़ी कैबिनेट बैठक में ली गई है। विगत कैबिनेट बैठक में औपचारिक निर्णय पर मोहर लग गई है। उक्त आशय की जानकारी देते हुए कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि प्रदेश के काश्तकारों को उनकी उपज का उचित मूल्य देकर उनकी आर्थिकी में सुधार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी इस पर विधेयक लाया जा रहा है।
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार के इस निर्णय का इतना गहरा असर पड रहा है कि कानून लाने से पहले ही किसानों का जो आर्थिक शोषण हो रहा था वह थमने लगा है।
कृषि मंत्री ने बताया कि पौड़ी जनपद में इस वर्ष की जिला योजना में किसानों का शोषण होते देख पहली बार किसी राज्य में जिला योजना के तहत 1 करोड रूपये का प्राविधान जिला प्रशासन के माध्यम से भी किसानों के उत्पादों को खरीदने का प्राविधान किया गया था। इसका भी व्यापक असर पौड़ी जनपद के किसानों के हो रहे शोषण पर पडा। इससे वहां के किसानों का शोषण थमा। इससे यह प्रतीत होता हेै कि सरकार के इस निर्णय से आढतियों द्वारा किसानों का शोषण रूकेगा और उनकी उपज का उचित मूल्य उन्हें प्राप्त होगा। जिससे उनकी आर्थिकी मबजूत होगी। इससे सरकार के किसानों की आय दोगुनी करने के संकल्प की मजबूती मिलेगी।
कृषि मंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा विधेयक लाये जाने की जानकारी होने पर आढतियों ने खुद ही उपज के दाम बढ़ा दिये हैं। कृषकों की उपज जिसमें मंडुवा व चैलाई भी शामिल है इनका खरीद मूल्य स्वतः ही आढतियों द्वारा बढा दिया गया है। पहले काश्तकारों से आढतियों द्वारा 14 से 20 रूपये किग्रा मंडुवा तथा 34 से 40 रूपये प्रति किलोग्राम चैलाई की खरीद होती थी, जिसे अब बढ़ाकर 28 से 32 प्र्रति किग्रा मंडुवा तथा 56 से 60 रूपये प्रति किग्रा चैलाई का मूल्य कर दिया गया है।
कृषि मंत्री ने बताया कि जिला योजना के तहत 1 करोड़ रूपये की धनराशि प्राविधानित कर सीधे जिलाधिकारियों के माध्यम से कृषकों की उपज क्रय की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा एमएसपी तय नहीं हेाने के कारण राज्य सरकार उपज का एमएसपी निर्धारित करेगी, जिससे कृषकों को उनकी उपज का सही दाम मुहैया हो सकेगा। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है जहाॅं पर किसानों की आर्थिकी बढाये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के इस बडे निर्णय से कृषकों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल रहा है, वहीं इससे कृषि क्षेत्र के उन्नति का भी संदेश जा रहा है। उन्होंने बताया कि विगत कैबिनेट बैठक में औपचारिक निर्णय पर मुहर लग गई है। उन्होंने कहा कि विधानसभा के आगामी सत्र में मंडी एक्ट के तहत रिवाल्विंग फंड स्थापित किये जाने का विधेयक लाया जा रहा हैै।