नैनीताल/देहरादून। प्राथमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में चमोली व उत्तरकाशी के विशेष शिक्षा में दो साल का डिप्लोमा करने वाले अभ्यर्थियों को शामिल करने के अंतरिम आदेश उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने जारी किये हैं। साथ ही चयन परिणाम बिना कोर्ट की अनुमति के घोषित करने पर भी पाबंदी लगा दी है।
अदालत ने यह आदेश चमोली निवासी मुकेश व उत्तरकाशी के जगत सिंह की अलग-अलग याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया। दोनों याचिकाकर्ताओं ने 11 जुलाई को प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया के लिए जारी विज्ञापन की उस शर्त को चुनौती दी है जिसमें जिले के डाइट से विशेष शिक्षा हासिल करने वालों को ही भर्ती के लिए पात्र बताया गया है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए 2008-2009 में एनसीटीई से मान्यता प्राप्त विशेष शिक्षा का दो साल का डिप्लोमा प्राप्त किया है।
याचिका में प्राथमिक शिक्षक नियमावली 2013 संशोधित 2014 को भी चुनौती दी गई है। सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ ने इस तरह के डिप्लोमाधारकों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के अंतरिम आदेश जारी कर दिये हैं। साथ ही राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के भी निर्देश दिए गए हैं।