देहरादून। 11वीं उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कांग्रेस बृहस्पतिवार को शुरू हुई। झाझरा स्थित विज्ञानधाम परिसर में आयोजित तीन दिवसीय विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन राज्यपाल डा. केके पॉल ने किया। इस अवसर उन्होंने राज्य में वैज्ञानिक चेतना के विकास पर जोर दिया।
विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले तीन वैज्ञानिकों को अलंकृत भी किया गया। प्रोफेसर आशा चंदोला को जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, डा. दिनेश असवाल को भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में और डा. चंद्रशेखर नौटियाल को जीव विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किया गया। वहीं राजकीय इंटर कालेज बागेश्वर के विज्ञान शिक्षक दीप चंद्र जोशी को नासी उत्कृष्ट विज्ञान शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल डा. पॉल ने कहा कि राज्य के युवाओं व जनता में वैज्ञानिक चेतना जगाने की आवश्यकता है ताकि गरीब व्यक्ति तक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का लाभ पहुंच सके। पर्वतीय क्षेत्रों में अनुकूल सुगंधित पौधों, फसलों व सब्जियों के व्यवसायीकरण के लिए खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना करने की बात भी उन्होंने कही। कहा कि वैज्ञानिकों को इसके लिए प्रौद्योगिकी व तकनीकी उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य करना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि तीन दिवसीय विज्ञान कांग्रेस के निष्कर्ष राज्य विकास के संर्दभ में अहम साबित होंगे। इससे पहले राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डा. राजेन्द्र डोभाल ने विज्ञान कांग्रेस में शिरकत कर रहे अतिथियों, विषय विशेषज्ञों व शोधार्थियों का स्वागत किया।विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सलाहकार डा. प्रवीन अरोड़ा, वन महानिदेशक डा. एसएस नेगी, एम्स ऋषिकेश के निदेशक डा. संजीव मिश्रा, श्रीदेव सुमन विवि के कुलपति डा. यूएस रावत, प्रोफेसर एएन पुरोहित आदि भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मोना बाली ने किया। वहीं, विज्ञान कांग्रेस के पहले दिन पूर्वाह्न को आयोजित सत्र में व्याख्यान सीरीज आयोजित किया गया। केंद्रीय औषधीय एवं सुगंधित पौधा संस्थान लखनऊ के पूर्व निदेशक डा. एसपीएस खनुजा ने सीमा रहित कृषि पर व्याख्यान दिया। अपराह्न को आयोजित सत्र में सीएसआईआर के पूर्व महानिदेशक डा. एमओ गर्ग ने भौतिक विज्ञान व डा. केएस मिश्रा ने जीव विज्ञान के क्षेत्र में लोकप्रिय व्याख्यान दिया।