आपदा सचिव ने रक्षा मंत्रालय को पत्र लिख वायुसेना से मांगे 02 हेलिकाॅप्टर, वनाग्नि का संज्ञान लेकर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ली समीक्षा बैठक
देहरादून, (गढ़वाल का विकास न्यूज)। प्रदेश में वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग सक्रिय हो गया हैं। आपदा प्रबंधन मंत्री डा. धन सिंह रावत के निर्देश पर सचिव आपदा प्रबंधन द्वारा शनिवार को रक्षा मंत्रालय भारत सरकार को पत्र लिखा। पत्र में आपदा सचिव ने राज्य में विकराल होती वनाग्नि को रोकने के लिए वायुसेना से दो हेलिकाॅप्टर की मांग की। आपदा प्र्रबंधन मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि वनाग्नि की बढ़ती घटना को देखते हुए उन्होंने केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय से वार्ता कर यहां की स्थिति से अवगत कराया है। जिस पर गृह राज्य मंत्री ने उन्हें मदद के आश्वस्त किया।
सूबे में वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं पर काबू पाने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा भारत सरकार से मदद मांग की है। आपदा सचिव ने भारत सरकार को राज्य में वनाग्नि की स्थिति से अवगत करा रक्षा मंत्रालय से वायुसेना के दो हेलिकाॅप्टर देने की मांग की। आपदा प्रबंधन मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि वह स्वयं वनाग्नि की घटनाओं पर स्वयं नजर बनाये हुए हैं। प्रदेश में बढ़ती वनाग्नि की घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए उन्होंने केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय से वार्ता की। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया वह प्रदेश की हर संभव मदद करेंगे। वहीं उन्होंने बताया कि वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा शासन, पुलिस, आदपा प्रबंधन, वन विभाग एवं समस्त जिलाधिकारियों के साथ वनाग्नि प्रबंधन की समीक्षा की। आपदा मंत्री ने बताया कि स्वयं मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने केन्द्रीय गृह मंत्री से वार्ता की और राज्य में वनाग्नि की स्थिति से अवगत कराया।
आपदा प्रबंधन मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य में वनाग्नि पर काबू पान के लिए वायु सेना के दो हेलिकाॅप्टर की मांग की गई है। जिसमें एक हेलिकाॅप्टर गौचर में स्टेशन करेगा जो टिहरी झील और श्रीनगर बांध से पानी भरेगा। वहीं दूसरा हेलिकाॅप्टर हल्द्वानी में स्टेशन करेगा जो भीमताल और नौकुचियाताल से पानी भरेगा। आपदा मंत्री ने बताया कि राज्य में वनाग्नि की कुल 993 घटनाएं हुई है जिससे 1304 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। वर्तमान में नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर, हरिद्वार और रूद्रप्रयाग जिले ज्यादा प्रभावित हुए है। विभागीय मंत्री डा. रावत ने बताया कि वनाग्नि की घटनाओं को कम करने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग को अलर्ट कर दिया है। इसके साथ ही विभाग को वनाग्नि की रोकथाम के लिए ठोस योजना बनाने के निर्देश दिये हैं।