देहरादून। मोदी सरकार और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधते हुए उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद और उत्तरप्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष के बेटे की कंपनी के मुनाफे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के दो सिटिंग जजों से कराने की मांग की है। साथ ही भाजपा अध्यक्ष से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांगा।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी के मुनाफे को लेकर उपजे विवाद को कांग्रेस ने सियासी हथियार बना लिया। मंगलवार को उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य और यूपी के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने मोदी सरकार और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर तीखे प्रहार करते हुए शाह की कंपनी की जांच कराने की मांग की।
उन्होंने कहा कि इस प्रकरण से साफ हो गया है कि भाजपा देश के नौजवानों को राष्ट्रवाद, गौरक्षा के नाम पर, धर्म के नाम पर बरगलाए रखा और खुद भाजपा के नेता अपने बच्चों के लिए अधर्म करते रहे। यूपी के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने शाह के पुत्र की कंपनी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी और शाह से सात सवाल भी पूछे। कहा कि भाजपा का यह बेटा मॉडल आश्चर्यचकित करने वाला है। देश का किसान कर्ज में डूबा है। आत्महत्याएं कर रहा है। मोदी जी ने चुनाव में कहा था कि किसान की आय दोगुनी करेंगे। अब उन्हें चाहिए कि शाह के पुत्र को किसानों को दे दें।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशक्कर अय्यर के पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर दिए विवादित बयान पर राजबब्बर कन्नी काट गए। उन्होंने अटपटा जवाब देते हुए कहा कि मणिशंकर अय्यर मनोनीत सदस्य हैं और मनोनीत सदस्य किसी पार्टी का सदस्य नहीं होता। इसके बाद बब्बर फ्लाइट का टाइम होने की बात कहते हुए तेजी से प्रेस कांफ्रेस से बाहर चले गए। मार्च 2015 में उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद बने राजबब्बर को अपनी उत्तराखंड से दूरी के सवालों से भी जूझना पड़ा।