देहरादून। वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) में फॉरेस्ट बायोमास यूटिलाइजेशन विषय पर संगोष्ठी आयोजित हुई। रसायन प्रभाग द्वारा आयोजित संगोष्ठी का उद्घाटन एफआरआई की निदेशक डा. सविता ने किया। संगोष्ठी में आईआईटी, आईआईपी, टीएचडीसी, एसएफडी व गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए डा. सविता ने बायो इकोनोमी के युग में बायोमास उपयोग के महत्व को रेखांकित किया। कहा कि वर्तमान जरूरतों के अनुसार अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। ताकि हितधारकों, उद्यमियों व लाभार्थी समूहों को इसका प्रभावी लाभ मिल सके। एनआईपीईआर मोहाली के प्रोफेसर आईपी सिंह ने पौधों में उत्पन्न रसायनों व उत्पादों के चिकित्सकीय महत्व पर प्रकाश डाला। डा. पीएल सोनी ने वनों की सुरक्षा के लिए बायोमास के मूल्य वर्धित उपयोगों की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। हरियाणा के मुख्य वन संरक्षक जगदीश चंद्र ने विभिन्न पादप प्रजातियों के रसायनिक अनुसंधान से उनकी आर्थिक क्षमताओं की खोज पर बल दिया। आईआईपी के वैज्ञानिक डा. देवाशीष घोष ने जैव ईधन उत्पादन के लिए बायोमास के उपयोग कर विस्तार से प्रकाश डाला। संगोष्ठी के अंतिम सत्र में पैनल परिर्चचा भी की गई।