विदेशी पर्यटकों के लिए पाच दशक बाद खुली यह घाटी

उत्तरकाशी/देहरादून। भारत और चीन के बीच सीमा पर चल रहे तनाव के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उत्तरकाशी जिले की हर्षिल-नेलांग घाटी तथा गंगोत्री नेशनल पार्क को सभी देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए खोल दिया है। हालांकि इस क्षेत्र को सामरिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील माना जाता है और 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद इस क्षेत्र को पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था, यहां तक कि क्षेत्रीय लोगों को अपने देवताओं की पूजा के लिए बाकायदा अनुमति लेकर सीमित समय के लिए प्रवेश दिया जाता था लेकिन अब इस क्षेत्र को इनर लाइन से मुक्त कर दिया है। इस प्रतिबंध के हटने के बाद देशी-विदेशी पर्यटक इस रमणीक क्षेत्र की सैर कर सकेंगे। हालांकि विधिवत अनुमति का प्रावधान बना रहेगा। हर्षिल घाटी को इनर लाइन से मुक्त करने की अनुमति देने की डीएम ने भी पुष्टि की है। इनर लाइन हर्षिल कस्बे से 50 मीटर दूर होगी। हालांकि इसे जिला प्रशासन चिह्नित करेगा। गौरतलब है कि वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद बने हालात को देखते हुए केंद्र सरकार ने उत्तरकाशी के इनर लाइन क्षेत्र में पर्यटकों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया था। लम्बे समय से होटल एसोसिएशन, ट्रैकिंग संचालक व स्थानीय लोग इस पाबंदी को हटाने की मांग कर रहे थे। वर्ष 2014 में गंगोत्री नेशनल पार्क व स्थानीय प्रशासन ने एक प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा था। उसके बाद वर्ष 2015 में गृह मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों को नेलांग जाने की अनुमति दी थी। इस वर्ष गत अप्रैल माह में जिला प्रशासन ने इनर लाइन के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर आवश्यक दस्तावेज भेजकर हर्षिल क्षेत्र को इनर लाइन से मुक्त कराने का राज्य व केंद्र सरकार से अनुरोध किया था। बीते 19 जून को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस प्रस्ताव पर सहमति दे दी है। अनुमति मिलने के बाद अब विदेशी पर्यटक हर्षिल में रात्रि विश्राम करने के साथ ही नेलांग घाटी का भ्रमण भी कर सकेंगे। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डा. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हर्षिल को इनर लाइन से मुक्त कर दिया है। अब विदेशी पर्यटक हर्षिल में निवास कर पायेंगे। विदेशी पर्यटक अब सेना व जिला प्रशासन की अनुमति के बाद नेलांग घाटी के भ्रमण पर जा सकते हैं। गौरतलब है कि पिछले साल मई में उत्तरकाशी के लोगों ने राज्यपाल से इस आशय की मांग की थी। तब राज्यपाल ने प्रस्ताव का परीक्षण कर रिपोर्ट भारत सरकार को भिजवाने के निर्देश दिए थे। उसके बाद गृह मंत्रालय द्वारा विगत 19 जून को हर्षिल घाटी को इनर लाइन से मुक्त करने का आदेश जारी कर दिया गया।

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