देहरादून। उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम मनेरी भाली परियोजना के फे स-2 में हुई अनियमितताओं की रिपोर्ट सतर्कता विभाग ने शासन को सौंप दी है। सतर्कता विभाग ने इस मामले में तत्कालीन प्रवन्ध निदेशक सहित कई अधिकारियों को दोषी पाया है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2006-07 में मनेरी भाली फेस-2 के डिससिल्ट टैंक में सिल्ट आ गया था। इस कारण विद्युत उत्पादन में बाधा उत्पन्न हो रही थी। सिल्ट निकालने के लिए सिंचाई विभाग ने करीब 90 लाख रुपये का एस्टीमेट दिया था। यही नहीं विभाग ने तय समय सीमा में काम कराने के लिए ज्यादा धनराशि की मांग की थी। इस पर प्रबन्ध निदेशक ने यह कार्य बढ़ी दरों पर अन्यत्र ठेके पर दे दिया था। विजिलेंस ने अपनी जांच में पाया कि यूजेवीएनएल के अधिकारियों ने निहित स्वार्थ के लिए अन्यत्र ठेका देने के साथ-साथ करीब एक करोड़ रुपये राजस्व की हानि पहुंचाई। शासन इस रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा है। उसके बाद अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।