देहरादून। बंटवारे में उत्तर प्रदेश जाने वाले 136 शिक्षकों ने भी कुछ ऐसा किया कि उनकी वापसी पर ब्रेक लग गया है। इन शिक्षकों ने अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के लिए संबंधित अफसरों की जेबें भी गरम की, लेकिन उनके मंसूबे पूरे नहीं हो सके।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने यूपी के लिए रिलीविंग की तैयारी में बैठे ऐसे शिक्षकों की फाइल लॉक कर दी है। मंत्री के संज्ञान में यह बात आयी थी कि उत्तर प्रदेश जाने के इच्छुक शिक्षकों ने उत्तराखंड से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के लिए अधिकारियों को रिश्वत दी। बस फिर क्या था, उन्होंने तुरंत ही इस फाइल को रोक लिया। अब ये शिक्षक यूपी वापस नहीं जा सकेंगे। हालांकि पांडेय ने ऐसे अफसरों के नाम तो नहीं खोले हैं, लेकिन उन्होंने बताया कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। उल्लेखनीय है कि मनचाही पोस्टिंग व यूपी जाने वाले शिक्षकों में से कई ने ऐसे-ऐसे कारनामे किये हैं, जिसे सुनते ही शिक्षकों के प्रति सम्मान का भाव खत्म हो जाता है। कतिपय शिक्षकों की इसी कारस्तानी की वजह से जरूरतमंद शिक्षक भी स्थानान्तरण नहीं पा सके। शिक्षा मंत्री ने तबादला सत्र को शून्य घोषित करते हुए अनुरोध के आधार पर किये जा रहे ऐसे सभी तबादलों को नहीं करने का फरमान दे दिया है। बताया गया है कि स्थानान्तरण के लिए कुछ शिक्षकों ने फर्जी तलाक जैसे पेपर भी तैयार कर लिये हैं, जबकि पति-पत्नी के बीच तलाक जैसा कुछ नहीं है और वे साथ ही रहते हैं। कुछ ने तो तबादला मांगने के लिए खुद को विधवा भी घोषित कर दिया।