श्री गुरु राम राय महाराज जी के महानिवार्ण पर्व पर श्री दरबार साहिब में जुटीं देश व विदेशों से संगतें
देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। श्री गुरु राम राय जी महाराज का 333वां महानिर्वाण पर्व इस वर्ष भी परंपरागत ढंग के साथ श्रद्धापूर्वक मनाया गया। श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने महानिर्वांण पर्व पर विशेष पूजा अर्चना की। श्री महाराज जी ने तालाब के किनारे श्री गुरु राम राय जी महाराज को तर्पण अर्पित किया। इसके पश्चात 17 पुरोहितों द्वारा चावल, दूध, शहद, गंगाजल, घी एवं शक्कर का पिण्ड बनाकर पूजन किया गया। श्री दरबार साहिब के आचार्य, पण्डित व पुरोहितों ने पूजा-अर्चना में सहयोग किया। इसके पश्चात संगतों को फलों का प्रसाद वितरित किया गया। देश के कोने-कोने से तथा विदेशों से भी आये हजारों श्रद्धालुओं को श्री महाराज ने आशीर्वाद दिया। तदोपरान्त विशेष लंगर का आयोजन किया गया। सायं-काल में श्रद्धालुओं को हलवा-पूरी एवं चूरमा का प्रसाद वितरित किया गया। देश के विभिन्न राज्यों से आये हजारों वृद्ध, युवा तथा बच्चों ने इस महानिर्वाण पर्व का हिस्सा बनकर अपने आपको धन्य महसूस किया।
श्री गुरु राम राय जी महाराज का जन्म 1646 ई0 में चैत्र मास की पंचमी को हुआ था। वर्ष 1676 में श्री गुरु राम राय जी महाराज देहरादून आये थे। देहरादून को श्री गुरु महाराज जी ने अपनी कर्मस्थली बनाकर पावन किया। श्री गुरु राम राय जी महाराज के डेरे के नाम से ही नगर का नाम देहरादून पड़ा। भाद्रसुदी 8 सवंत 1744 (4 सितम्बर सन् 1687) को वे परमात्मा का ध्यान करते हुए परमात्मा में लीन हो गये। श्री गुरु महाराज जी की आत्मा को अमर मानते हुए संगते समाधि की सेवा करती हैं और श्रद्धालु इस दिन को महानिर्वाण पर्व के रूप में मनाते हैं।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के जनसम्पर्क अधिकारी प्रदीप शुक्ला ने जानकारी दी कि श्रीमंहत इन्दिरेश अस्पताल प्रबन्धन ने गुरुपर्व के उपलक्ष्य में इलाज पर अस्पताल के नियमानुसार 50 प्रतिशत की छूट की घोषणा की हुई है। इस अवसर पर श्री महाराज जी ने संगतों से सफाई का विषेश ध्यान देने का आह्वान किया है, ताकि मलेरिया, डेंगू जैसी खतरनाक बीमारियों से बचा जा सके। डेंगू मरीजों के उपचार हेतु श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल (एसजीआरआर) में मरीजों के लिए 100 बैड व 5 आईसीयू बैड आरक्षित रखे गए हैं। श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने संगतों को संदेश दिया कि वे सामाजिक कुरितियों जैसे कन्या भ्रूण हत्या, नशा, दहेज प्रथा के खिलाफ मजबूत आवाज बनें व एक समृद्ध समाज के निर्माण में अपनी भूमिका सुनिश्चित करें। गंगा को निर्मल व प्रदूषण मुक्त बनाने में अपनी भूमिका निश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रर्यावरण प्रदूषण वातावरण के लिए बड़ी चिंता का विषय बन चुका है। उन्होंने संगतों से अपील की कि वे पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए अधिक से अधिक पौधारोपण करें व जल का सही उपयोग करें।