देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। गुरुद्वारा गुरु हरगोबिंद साहिब गोविंदगढ़ के तत्वावधान में छठे गुरु श्री हरगोबिंद साहिब जी का 424वां प्रकाश पर्व पूर्ण श्रद्धा एवं उत्साह पूर्वक कथा कीर्तन के रूप में मनाया गया।
प्रातः श्री अखंड पाठ साहिब के भोग एवं आरती के पश्चात सुखमनी सेवा सोसायटी की बीवियों ने शब्द “दल भंजन गुरू सुरमा बढ़ योद्धा वहु परोपकारी” श्री गुरु हरकृष्ण साहिब सोसाइटी के बच्चों ने शब्द “पंज प्याले पंज पीर, छटम् पीर बैठा गुर भारी” हजूरी रागी भाई करतार सिंह जी ने शब्द “जो जन ले खस्म का नाओ” चंडीगढ़ से पधारे भाई संतोख सिंह ने शब्द डिठे सभै थांव, नहीं तुध जेहा” एवं भाई बलदेव सिंह बडाला ने शब्द “गुरु जैसा नाही को देव एवं प्राणी एको नाम धिआवो” का गायन कर संगत को निहाल किया। भाई बुटा सिंह पटियाला वालों ने गुरु की महिमा को बताते हुए कहा कि गुरु जी ने मीरी पीरी की दो तलवारें धारण करके भक्ति एवं शक्ति का मेल किया। ग्वालियर के किले में कैद 52 राजाओं को मुक्त कराकर बढ़ योद्धा एवं परोपकारी का संदेश दिया। इस अवसर पर गुरुद्वारा अध्यक्ष मेजर सिंह, प्रभशरण सिंह वाजवा, जसवीर सिंह, रविंदर सिंह , शमशेर सिंह, हरमहिंद्र सिंह, दलजीत सिंह गुरदीप सिंह सहोता, सेवा सिंह मठारू, मनजीत सिंह, मंच संचालक करतार सिंह, डी पी सिंह, राजेंद्र सिंह राजा आदि उपस्थित थे।