देहरादून। राज्य सरकार ने किसानों को यूरिया उपलब्ध न होने व एक दलित महिला की प्रसव के दौरान हुई मौत के मामलों की जांच के आदेश दिये हैं। विधानसभा में नियम 58 के तहत ध्यानाकर्षण प्रस्तावों के दौरान उठे इन मामलों में संबंधित मंत्रियों ने यह आदेश दिये।विधायक काजी निजामुद्दीन द्वारा किसानों को समय पर यूरिया न मिलने को लेकर सदन में नोटिस दिया गया। इस पर कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि प्रदेश में 75 हजार टन यूरिया की मांग के सापेक्ष 56700 टन यूरिया उपलब्ध करा दिया गया है। शेष 23461 टन जून के अंत तक उपलब्ध करा दिया जाएगा। काजी निजामुद्दीन ने कहा कि यूरिया किसके पास है, यह बड़ा सवाल है, क्योंकि किसानों को अभी तक यूरिया नहीं मिल पाया। उन्होंने आशंका जतायी कि कालाबाजारी करने वालों ने यूरिया स्टाक करवा लिया है, क्योंकि किसानों को मिल ही नहीं पाया। इस पर सुबोध ने इस मामले की जांच कराने की बात कही। काजी ने अवशेष यूरिया भी हफ्ते भर में उपलब्ध कराने की जरूरत बतायी।दूसरा मामला धारचूला विधायक हरीश धामी ने उठाया। उन्होंने बताया कि सीएचसी धारचूला में भर्ती प्रेमादेवी की चिकित्सकों की लापरवाही मौत हो गयी। पांच जून को प्रेमा देवी को अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन एनस्थेटिक डाक्टर न होने के कारण छह जून को रात आठ बजे पिथौरागढ़ के लिए रेफर कर दिया गया। प्रेमा देवी को 108 की सेवाएं भी नहीं दी गयी। इस पर संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि सीएमओ से दो विंदुओं पर रिपोर्ट मांग ली गयी है। पहला विंदु यह है कि एनस्थेटिक चिकित्सक के अवकाश पर होने के बाद लिंक आफीसर क्यों नहीं मौजूद था। दूसरा यह कि 108 न होने पर अस्पताल की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं की गयी। धामी ने यहां अनुबंध के विपरीत पांच साल से कम अनुभव वाले डाक्टर होने की बात भी रखी। पंत ने भरोसा दिया कि इसे भी चेक करवाया जाएगा। धामी ने मृतका के परिजनों को 10 लाख की आर्थिक सहायता की मांग भी की।