सामूहिक विवाह अनुष्ठान समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री

देहरादून। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, रविवार को लखीमपुर(असम) में हिंदू छाँह जन गोष्ठी संस्कृति सुरक्षा परिषद, सेवा भारती पूर्वांचल एवं सेवायन, असम व दि हंस फाउण्डेशन द्वारा आयोजित 1000 से अधिक जोड़ों के सामूहिक विवाह अनुष्ठान समारोह में शामिल हुए। गरीब तबके हेतु सामूहिक विवाह समारोह के आयोजित किये जाने के लिये दि हंस फाउण्डेशन एवं हंस कल्चरल सेंटर की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि संस्था द्वारा लगातार समाज के कमजोर तबके को सहयोग दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि असम और उत्तराखण्ड राज्य में बहुत सी समानताएं हैं। उन्होंने कहा कि असम की प्राकृतिक सुन्दरता अनुपम है। पर्यटन, असम और उत्तराखण्ड दोनों राज्यों की इकोनाॅमी का महत्वपूर्ण हिस्सा है। असम और उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियां लगभग समान होने के कारण हम लोगों के अवसर एवं चुनौतियाँ भी एक सी हैं। असम में ब्रह्मपुत्र नदी और उत्तराखण्ड में गंगा नदी दोनों समान महत्व रखती हैं। पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण प्राकृतिक आपदाओं का खतरा दोनों ही राज्यों को समान रूप से है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिये उत्तराखण्ड में पर्यटन के साथसाथ कृषि को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। चारधाम यात्रा धार्मिक परिदृश्य के साथसाथ उत्तराखण्ड में रोजगार के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि चारधाम यात्रा सुचारू रूप से चलती रहे। पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध करा कर पलायन रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए दोनों प्रदेशों में कौशल विकास को प्राथमिकता से लेते हुए अभियान चलाना जरूरी है। इसके लिए उत्तराखण्ड में कौशल विकास मंत्रालय खोला जा रहा है। इस अवसर पर माता श्री मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज भी उपस्थित थे।

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