बरेली। यूपी-उत्तराखंड के बंटवारे के बाद से सिंचाई विभाग की संपत्ति को लेकर चल रहा विवाद आखिरकार खत्म हो गया। संपत्ति को लेकर दोनों राज्यों में समझौता हो गया। सिंचाई विभाग की 75 फीसदी संपत्ति पर यूपी का अधिकार होगा जबकि उत्तराखंड को 25 प्रतिशत संपत्ति दी गई है।
सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने शनिवार को सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता की। उन्होंने कहा, 17 साल से चल रहे संपत्ति विवाद का उत्तराखंड और हमारी सरकार ने आपसी समझौते से हल निकाल लिया है। उत्तराखंड में बने ज्यादातर बांधों से यूपी में सिंचाई होती है। 50 फीसदी से अधिक पानी का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश में करने वाले बांधों पर हमारा अधिकार रहेगा। सिर्फ उन नहरों पर उत्तराखंड का अधिकार होगा, जो वहां सिंचाई करती हैं। धर्मपाल ने कहा कि उत्तराखंड की मांग पर हरिद्वार का गेस्ट हाउस उन्हें दे दिया गया है। यूपी का सिंचाई विभाग हरिद्वार में दूसरा गेस्ट हाउस बनाएगा। बनबसा गेस्ट हाउस पर यूपी का हक रहेगा। धौरा, बहगुल, नानक सागर, बनबसा और शारदा सागर बांध यूपी के अधिकार क्षेत्र में रहेंगे। इनसे उत्तर प्रदेश की सिंचाई होती है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार हरिद्वार जमीन को मांग रही थी जिस पर कुंभ लगता है। यूपी ने उसे देने से इंकार कर दिया। हालांकि इस जमीन पर कुंभ के आयोजन की पूरी जिम्मेदारी उत्तराखंड सरकार ही निभाएगी।
जमरानी बांध परियोजना को नेपाल देगा पानी
उत्तराखंड के काठगोदाम में गोला नदी पर बन रही जमरानी बांध परियोजना के लिए पानी नेपाल मुहैया कराएगा। यूपी और नेपाल के बीच इसे लेकर समझौता हुआ है। सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि जमरानी बांध परियोजना को लेकर यूपी और उत्तराखंड में कोई विवाद नहीं है। दोनों राज्य मिलकर केंद्र की मदद से इसे पूरा करेंगे। उन्होंने बताया कि परियोजना गोला नदी पर बनाई जा रही है। गोला नदी नेपाल से आती है। परियोजना के लिए अधिक पानी की जरूरत होगी। नेपाल के साथ हमने समझौता किया है। वह गोला नदी में ज्यादा पानी छोड़ेगा।