देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, आढ़त बाजार द्वारा एक महीने तक चली दस्तार सिखलाई प्रतियोगिता में स. संदीप सिंह ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
प्रातः नितनेम के पश्चात भाई चरणजीत सिंह ने आशा दीवार शब्द का गायन किया एवं भाई सतवंत सिंह ने शब्द “हल्ले यारा वे यारा सुख खबरी” का गायन कर संगत को निहाल किया। अमृतसर से पहुंचे धर्म प्रचार कमेटी, उत्तराखंड के प्रमुख भाई सुखविंदर सिंह ने दस्तार की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि दस्तार (पगड़ी) सिख की पहचान है। दस्तार सिर का ताज है जो इज्जत का चिन्ह है। सिख की पगड़ी उतर जाए तो बेइज्जती महसूस होती है। गुरु गोविंद सिंह जी की लाज है दस्तार। उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने प्राणी को सर्वत्र के भले की प्रेरणा दी “नानक नाम चढ़दी कला तेरे भाने सखत दा भला” के लिए अरदास की जाती है । इस अवसर पर सुंदर दस्तार सजाने में काका संदीप सिंह प्रथम, काका युवराज सिंह द्वितीय एवं इंद्रजीत सिंह ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। 14 बच्चों को सांत्वना पुरस्कार दिए गए। पुरस्कार प्रधान राजेंद्र सिंह राजन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमिंदर सिंह छाबड़ा, मनजीत सिंह, जत्थेदार दलीप सिंह आदि ने वितरित किए। मंच का संचालन महासचिव सेवा सिंह मठारू ने किया।