हकीकत : शिक्षकों के 10 हजार पद रिक्त,165 स्कूल भवन विहीन

देहरादून। शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 10 हजार से अधिक पद रिक्त हैं। शिक्षा मंत्री ने विधायक प्रीतम सिंह पंवार के अतारांकित प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी है। इन रिक्त पदों में सबसे अधिक पद प्रवक्ता के हैं। 4873 रिक्त पदों को प्रोन्नति व लोकसेवा आयोग से भरा जाना है। इसके साथ ही एलटी में सहायक अध्यापकों के भी 3233 पद रिक्त चल रहे हैं। इसमें 1214 पदों के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने विज्ञापन जारी किया हुआ है, 1233 पदों पर नियुक्ति की कार्रवाई चल रही है, शेष 521 पदोंपर प्रोन्नति होनी है। प्राथमिक विद्यालयों के 1051 पद व राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों के 858 पद रिक्त हैं। प्राथमिक के लिए डीएलएड टीईटी के अभ्यर्थियों को नियुक्त करने के लिए जिला शिक्षाधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है जबकि जूनियर के पदो के लिए पदोन्नति की कार्रवाई चल रही है। नगरीय क्षेत्र में शिक्षकों के पद खाली- नगरीय क्षेत्र में 224 प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के स्वीकृत पद हैं। इसके विपरीत 168 पद रिक्त चल रहे हैं। नगरीय क्षेत्र में 48 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं, जिसें स्वीकृत पदों की संख्या 162 हैं, जिसमें से 10 खाली हैं। आरटीई के मानकों के अनुसार इन पदों को भरने की कार्यवाही चल रही है।

165 स्कूल भवन विहीन- सरकारी विद्यालयों की स्थिति अभी भी दयनीय बनी हुई है। एक सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने स्वीकार किया है कि 165 स्कूलों में भवन ही नहीं है। इनमें 82 विद्यालय प्राथमिक, 15 राजकीय उच्च प्राथमिक, 60 हाईस्कूल व एक जीआईसी के साथ ही सात जीजीआईसी हैं। सरकार का मानना है कि उच्चीकरण के चलते ऐसी स्थिति आती है, लेकिन धीरे-धीरे उनमें कक्ष बढ़ाये जाते हैं। भवन निर्माण न होने के पीछे भूमि उपलब्ध न होने व वित्तीय संसाधनों का अभाव भी सरकार ने स्वीकार किया है।

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