देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बुधवार को सचिवालय में प्रमुख सचिव लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग, अपर सचिव पर्यटन एवं जिलाधिकारी चमोली क्षेत्र में हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने सहित माणा गांव के पारंपरिक विकास पर चर्चा की।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को स्थानीय बुनकरों को उत्तम गुणवत्ता की ऊन उपलब्ध करवाने हेतु अच्छी प्रजाति की भेड़-बकरी पालन को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऊन रिफाइन करने के लिए मशीनों को भी शीघ्र उपलब्ध कराया जाए, ताकि बुनकरों को ग्रेडेड ऊन प्राप्त हो सके। मुख्य सचिव ने बुनकरों को पारंपरिक डिजाइन के साथ ही अच्छे व नए डिजाइन उपलब्ध करवाने हेतु तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने विभाग को स्थानीय लोगों हेतु रोजगारपरक योजनायें तैयार करने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी को माणा गांव की खूबसूरती को बनाए रखने के लिए भी प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए स्थानीय लोगों से बात कर प्रस्ताव तैयार किए जाएं। उन्होंने कहा कि पर्यटन कि दृष्टि से माणा गांव बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की पारम्परिक भवन निर्माण कला व वास्तुकला को बचाए रखने के लिए भी प्रयास किए जाने चाहिए। इसके साथ ही, वहाँ के लोगों को रोजगार प्राप्त हो इसके लिए रोजगारपरक योजनाओं के प्रस्ताव तैयार किए जाएं। उन्होंने स्थानीय पारंपरिक परिधानों के साथ ही पारंपरिक आभूषणों को भी प्रोत्साहन देने की बात कही।
मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटकों को क्षेत्र से सम्बन्धित संस्कृति, भवन निर्माण कला, हस्तशिल्प कला आदि का अनुभव प्रदान के कराने के लिए एक इस प्रकार का संग्रहालय तैयार किया जाना चाहिए, जहाँ बुनकरों द्वारा प्रयोग की जाने वाली मशीनों के साथ ही वहां के पारम्परिक वास्तुकला और संस्कृति की झलक मिलती हो। जिलाधिकारी चमोली द्वारा माणा में स्थानीय लोगों को दुकानें उपलब्ध कराये जाने के प्रस्ताव पर मुख्य सचिव ने कहा कि दुकानों के निर्माण में स्थानीय वास्तुकला का विशेष ध्यान रखा जाए। इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार एवं अपर सचिव पर्यटन सुश्री सोनिका सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को स्थानीय बुनकरों को उत्तम गुणवत्ता की ऊन उपलब्ध करवाने हेतु अच्छी प्रजाति की भेड़-बकरी पालन को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऊन रिफाइन करने के लिए मशीनों को भी शीघ्र उपलब्ध कराया जाए, ताकि बुनकरों को ग्रेडेड ऊन प्राप्त हो सके। मुख्य सचिव ने बुनकरों को पारंपरिक डिजाइन के साथ ही अच्छे व नए डिजाइन उपलब्ध करवाने हेतु तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने विभाग को स्थानीय लोगों हेतु रोजगारपरक योजनायें तैयार करने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी को माणा गांव की खूबसूरती को बनाए रखने के लिए भी प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए स्थानीय लोगों से बात कर प्रस्ताव तैयार किए जाएं। उन्होंने कहा कि पर्यटन कि दृष्टि से माणा गांव बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की पारम्परिक भवन निर्माण कला व वास्तुकला को बचाए रखने के लिए भी प्रयास किए जाने चाहिए। इसके साथ ही, वहाँ के लोगों को रोजगार प्राप्त हो इसके लिए रोजगारपरक योजनाओं के प्रस्ताव तैयार किए जाएं। उन्होंने स्थानीय पारंपरिक परिधानों के साथ ही पारंपरिक आभूषणों को भी प्रोत्साहन देने की बात कही।
मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटकों को क्षेत्र से सम्बन्धित संस्कृति, भवन निर्माण कला, हस्तशिल्प कला आदि का अनुभव प्रदान के कराने के लिए एक इस प्रकार का संग्रहालय तैयार किया जाना चाहिए, जहाँ बुनकरों द्वारा प्रयोग की जाने वाली मशीनों के साथ ही वहां के पारम्परिक वास्तुकला और संस्कृति की झलक मिलती हो। जिलाधिकारी चमोली द्वारा माणा में स्थानीय लोगों को दुकानें उपलब्ध कराये जाने के प्रस्ताव पर मुख्य सचिव ने कहा कि दुकानों के निर्माण में स्थानीय वास्तुकला का विशेष ध्यान रखा जाए। इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार एवं अपर सचिव पर्यटन सुश्री सोनिका सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।