देहरादून। उत्तराखंड के सबसे बड़े महाविद्यालय DAV (PG) कॉलेज में 9 करोड़ 10 लाख रुपये का छात्रवृत्ति घोटाला होने का मामला प्रकाश में आया है। समाज कल्याण विभाग की ओर से कॉलेज प्रबंधन को एससी-एसटी छात्रों के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं के लिए यह रकम दी गई।
डालनवाला थाने में प्राचार्य डॉ. देवेंद्र भसीन की ओर से दी गई तहरीर में बताया गया है कि वर्ष 2014-15 में 2.39 करोड़ व वर्ष 2015-16 में 6.71 करोड़ रुपये का घपला किया गया। तत्कालीन अधिकारियों ने बैंक दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा कर घोटाले को अंजाम दिया। दरअसल, 2015-16 के 6.71 करोड़ रुपये के घपले की भनक डीएवी पीजी कॉलेज प्रबंधन को 2016 में लग गई थी। तब कॉलेज के प्राचार्य ने डालनवाला थाने में तहरीर भी दी थी। वहीं, कुछ माह पहले 2014-15 के बजट में भी गोलमाल किए जाने की भनक कॉलेज के प्रबंधन को लगी तो पूरे मामले की जांच प्राचार्य डॉ. देवेंद्र भसीन को सौंप दी गई।
प्राचार्य की जांच में सामने आया कि वर्ष 2014-15 में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए प्रबंधन ने एक अलग बैंक खाता खोलने का प्रस्ताव कॉलेज को भेजा था। प्रबंधन ने खाता देना बैंक की लक्ष्मी रोड शाखा में खोलने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन तत्कालीन प्राचार्य व कॉलेज के कुछ और लोगों की मिलीभगत से यह खाता देना बैंक की जीएमएस रोड स्थित शाखा में खोल दिया गया। खाता खोलने के दौरान एक खेल और किया गया। जिसमें कॉलेज की ओर से देना बैंक को एक पत्र प्रेषित किया गया कि इस खाते का संचालन प्राचार्य, छात्रवृत्ति प्रभारी और छात्रवृत्ति लिपिक में से कोई भी दो व्यक्ति कर सकते हैं। इसके बाद समाज कल्याण विभाग की ओर से खाते में रकम आनी शुरू हो गई।
वर्ष 2014-15 में विभाग ने कुल 2.39 करोड़ रुपये खाते में भेजे। घोटाले का पर्दाफाश तब हुआ, जब समाज कल्याण विभाग की ओर से भेजे गए दो चेकों से पैसे जमा होने का तो पता चला, लेकिन यह पैसे किसने निकाले इसका कोई प्रमाण नहीं मिला। इसके बाद प्रबंधन ने ऑडिट कराई तो कड़ी दर कड़ी खुलती गई।