देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने छात्रों के व्यापक हित में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिये जाने की जरूरत बतायी है। मुख्यमंत्री ने इसका भी आंकलन करने को कहा है कि इण्टर के बाद कितने छात्र स्नातक में प्रवेश ले रहे हैं। अधिक से अधिक छात्राएं स्नातक में प्रवेश ले सके इसके लिये भी उन्होंने प्रभावी प्रयासों की जरूरत बतायी।
सचिवालय में शुक्रवार को उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को गुणवत्ता युक्त उच्च शिक्षा उपलब्ध कराना हमारा उद्देश्य होना चाहिए। इसके लिये सभी आवश्यक प्रयास सुनिश्चित किये जाएं। उन्होंने महाविद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के साथ ही शिक्षकों की तैनाती, महाविद्यालयों तक सड़कों की उपलब्धता, भवनों के साथ ही आवासीय व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने को कहा है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि सभी महाविद्यालयों में प्रधानाचार्यों की तैनाती सुनिश्चित की जाय। जिन शिक्षकों की प्रधानाचार्य के पदों पर पदोन्नति हुई है उन्हें अनिवार्य रूप से कार्यभार ग्रहण करने को कहा जाय। जो शिक्षक जिम्मेदारी निभाने में असमर्थ पाये जाते हैं उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाय। छात्रों के बेहतर भविष्य के लिये शिक्षक अपनी जिम्मेदारी निभाये, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि सभी विकास खण्डों में डिग्री काॅलेज की सुविधा तथा काॅलेजों में छात्रों की उपस्थिति 75 प्रतिशत किये जाने के साथ ही काॅलेजों में शिक्षा का बेहतर वातावरण बनाये रखने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने के.पी.आई के अन्तर्गत काॅलेजों में कैरियर काउंसिलिंग पर भी ध्यान देने तथा काॅलेजों में छात्र, शिक्षक अनुपात को बेहतर बनाने पर ध्यान देने को कहा। बैठक में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डाॅ. धन सिंह रावत, मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, प्रमुख सचिव श्री आनन्द वर्धन, सचिव श्री विनोद प्रसाद रतूड़ी के साथ ही उच्च शिक्षा से जुड़े अधिकारी उपस्थित थे।
सचिवालय में शुक्रवार को उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को गुणवत्ता युक्त उच्च शिक्षा उपलब्ध कराना हमारा उद्देश्य होना चाहिए। इसके लिये सभी आवश्यक प्रयास सुनिश्चित किये जाएं। उन्होंने महाविद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के साथ ही शिक्षकों की तैनाती, महाविद्यालयों तक सड़कों की उपलब्धता, भवनों के साथ ही आवासीय व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने को कहा है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि सभी महाविद्यालयों में प्रधानाचार्यों की तैनाती सुनिश्चित की जाय। जिन शिक्षकों की प्रधानाचार्य के पदों पर पदोन्नति हुई है उन्हें अनिवार्य रूप से कार्यभार ग्रहण करने को कहा जाय। जो शिक्षक जिम्मेदारी निभाने में असमर्थ पाये जाते हैं उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाय। छात्रों के बेहतर भविष्य के लिये शिक्षक अपनी जिम्मेदारी निभाये, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि सभी विकास खण्डों में डिग्री काॅलेज की सुविधा तथा काॅलेजों में छात्रों की उपस्थिति 75 प्रतिशत किये जाने के साथ ही काॅलेजों में शिक्षा का बेहतर वातावरण बनाये रखने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने के.पी.आई के अन्तर्गत काॅलेजों में कैरियर काउंसिलिंग पर भी ध्यान देने तथा काॅलेजों में छात्र, शिक्षक अनुपात को बेहतर बनाने पर ध्यान देने को कहा। बैठक में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डाॅ. धन सिंह रावत, मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, प्रमुख सचिव श्री आनन्द वर्धन, सचिव श्री विनोद प्रसाद रतूड़ी के साथ ही उच्च शिक्षा से जुड़े अधिकारी उपस्थित थे।