उत्तराखंड: कर अधिकारियों को देना होगा जीएसटी का इम्तिहान!

देहरादून। एक जुलाई से देश व प्रदेश में लागू माल एवं सेवा कर कानून (जीएसटी) को लेकर प्रदेश के कर अधिकारियों को इम्तिहान देना होगा और उसमें पास होना होगा। दरअसल, एक देश एक कर पण्राली के तहत देश भर में सात किस्म के अप्रत्यक्ष करों को जीएसटी में शामिल कर लिया गया है। ऐसे में नई कर पद्धति को लागू करने के लिए यह जरूरी है कि कर अधिकारियों को उसकी समझ हो। इसलिए राज्य कर विभाग ने अधिकारियों को लगातार प्रशिक्षण तो दे रहा है लेकिन उनकी समझ के स्तर को जानने के लिए उनका टेस्ट लेने का फैसला लिया है। अपर सचिव वित्त व राज्य के आयुक्त कर श्रीधर बाबू अद्दांकी का कहना है कि कर विभाग के सभी यानी करीब साढ़े पांच सौ अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए यह टेस्ट देना अनिवार्य होगा। अगर एक बार अधिकारी इम्तिहान में फेल भी हो जाते हैं तो उन्हों दोबारा टेस्ट देने का मौका दिया जाएगा। अगर कोई अधिकारी दोबारा भी फेल हो जाता है तो उसकी सेवाओं पर विचार किया जाएगा। उनका कहना है कि हालांकि ऐसी आशंका बहुत कम है क्योंकि वाणिज्य कर या फिर मनोरंजन कर के अफसरों को पुरानी कर पण्राली के बारे में पता होता है।अपर सचिव श्रीधर बाबू अद्दांकी काकहना है कि जीएसटी को लेकर सभी नोटिफिकेशन जारी हो गए हैं। व्यापारियों की आसानी के लिए वैट के गत तीन वर्षों के कुल 217998 वाद स्वत: निस्तारित हो जाएंगे। व्यापारियों के मार्गदर्शन का हरसंभव प्रयास विभाग द्वारा किए जा रहे हैं। ब्लॉक स्तर पर कॉमन सर्विस सेंटर को जीएसटी सेवा केंद्रों के रूप में सक्षम बना कर तैयार किया गया है एवं राज्यभर से लगभग 2022 जीएसटी मित्रों को प्रशिक्षित किया गया है। जीएसटी मित्र व्यापारियों का पंजीयन लेने, रिटर्न फाइलिंग, भुगतान एवं रिफंड संबंधी ऑनलाइन सुविधा के लिए सहायता करेंगे। इस पहल से न केवल युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा व दूरस्थ क्षेत्रों तक व्यापारियों को सुविधा प्राप्त होगी। जीएसटी में माईग्रेशन एवं जीएसटी पंजीयन के सम्बन्ध में आवश्यक निर्देशों को जारी करते हुए व्यापारियों को इनसे अवगत करा दिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *