देहरादून। दीपावली से पहले सरकार ने अतिथि शिक्षकों को बड़ा तोहफा दिया है। तैनाती से वंचित रह गये एलटी के सहायक अध्यापक को मंडल स्तर पर तैनाती दी जाएगी और प्रवक्ता के रूप में कार्यरत शिक्षकों को कोर्ट के आदेश के बाद 31 मार्च 2018 तक तैनाती के आदेश कर दिये गये हैं।
सचिव (प्रभारी) शिक्षा चंद्रशेखर भट्ट ने बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। शासन ने दोनों ही श्रेणियों के गेस्ट टीचर के लिए आदेश जारी किये हैं। कोर्ट द्वारा पूर्व में ही बहाल हो चुके एलटी के सहायक अध्यापकों के लिए आदेश हुआ है कि जो लोग पद भरने की वजह से नियुक्ति पाने से वंचित रह गये हैं, उन्हें मंडल स्तर पर काउंसलिग करके अन्य विद्यालयों में तैनाती दी जाएगी। इस आदेश के अनुसार उन्हें अब अन्य जनपदों में भी भेजा जा सकता था, जबकि पूर्व में इस तरह की सभी नियुक्तियां ब्लाक स्तर पर की गयी थीं। इस फैसले से करीब डेढ़ से दो हजार एलटी के सहायक अतिथि शिक्षक लाभान्वित होंगे। इसके साथ ही गत नौ अक्टूबर को कोर्ट द्वारा फिर से बहाल किये गये गेस्ट टीचरों (प्रवक्ता) की नियुक्ति के आदेश भी शासन ने बुधवार को ही कर दिये हैं। इसके आदेश में एक शर्त जोड़ी गयी है। इनकी नियुक्ति 31 मार्च 2018 या फिर नियमित प्रवक्ता की तैनाती होने, जो भी पहले हो के लिए की गयी है। लंबे समय से राजनीति का कारण बने अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति का मामला कोर्ट के आदेश के बाद से ही पटरी पर आ सका। भाजपा और कांग्रेस के बीच तनातानी का कारण बने अतिथि शिक्षकों का कार्यकाल गत 31 मार्च को खत्म हो गया था। उसके बाद हाईकोर्ट ने सिर्फ एलटी के सहायक अध्यापकों को पुनर्नियुक्ति देने का आदेश दिया और प्रवक्ता के पदों पर सीधी भर्ती के आदेश किये। एलटी के तमाम पद भर जाने की वजह से करीब 40 फीसद अतिथि शिक्षक नियुक्ति से वंचित रह गये थे। अब इन्हें अन्यत्र विद्यालयों की रिक्तियों के सापेक्ष नियुक्ति मिल जाएगी।