उत्तराखंड : नहीं होगा किसानों का कर्ज माफ, विधायक निधि में वृद्धि

देहरादून। उत्तराखंड सरकार किसानों का कर्ज माफ नहीं करेगी लेकिन सीमांत क्षेत्र के किसानों को सस्ते दर पर एक लाख Rs तक का कर्ज उपलब्ध कराएगी। यही नहीं विधायक निधि में एक करोड़ का इजाफा किया गया है। सदन में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बजट पर र्चचा के दौरान कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की लेकिन उन्होंने किसानों के कर्ज माफी की विपक्ष की मांग को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है। उन्होंने दो टूक कहा कि हम जो कर सकते हैं, उसी की घोषणा सदन में कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पलायन को रोकने के लिए सरकार एक समिति गठित कर चुकी है। सीमांत क्षेत्र के छोटे किसानों की दशा सुधारने के लिए सरकार उन्हें दो फीसद की ब्याज दर से एक लाख रपए तक कर्ज मुहैया कराएगी। किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के लिए मृदा स्वास्य कार्ड उपलब्ध कराने, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, पशुधन बीमा योजना पर सरकार का विशेष जोर है। उन्होंने कहा कि गो वंश संरक्षण का प्रदेश सरकार सख्ती से पालन करेगी। उन्होंने सहकारिता विभाग का उल्लेख करते हुए कहा कि माइक्रो एटीएम की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि लेन-देन की प्रक्रिया सरल हो सके। उन्होंने कहा कि जल्द ही जल नीति लाई जाएगी। साथ ही साथ किसानों की समस्याओं को सुलझाने के लिए किसान आयोग का गठन किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2022 तक किसानों का आय दोगुनी करने की दिशा में सरकार काम शुरू कर चुकी है। सरकार किसानों की तकनीक एवं विपणन की सुविधा भी उपलब्ध कराएगी। देहरादून रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट के पास संस्कृति ग्राम की स्थापना की जाएगी, ताकि बाहर से आने वाले लोग एक-दो घंटे के अंदर प्रदेश के महत्वपूर्ण स्थलोंकी जानकारियां ले सकें। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 13 नए पर्ययक स्थलों की स्थापना की जाएगी। ऋषिकेश में योग सेंटर का निर्माण, होम स्टे के साथ ही ईको पार्क की स्थापना भी सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है। कांवड़ मेले के लिए पहली बार अलग से बजट की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि स्वास्य व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए तमिलनाडु, महाराष्ट्र और सेना के डाक्टरों की तैनाती की जाएगी। उन्होंने कहा कि 65 साल के चिकित्सकों की भी नियुक्ति सरकार करेगी। हिमोफिलिया के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया गया है। एयर एंबुलेंस की भी व्यवस्था की जा रही है। निर्धन परिवारों को जो उज्जवला की श्रेणी में नहीं आते हैं, सरकार उन्हें भी मुफ्त गैस कनेक्शन देगी। इसके अलावा हर स्कूल में बुक बैंक की स्थापना के अलावा स्कूलों को एक साथ जोड़ने का भी प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री ने एलान किया कि वर्ष 2019 तक उत्तराखंड को पूर्ण साक्षर राज्य बनाया जाएगा। वर्ष 2022 तक सभी को आवास उपलब्ध कराएंगे। नए बस अड्डों की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले नगर निकायों का बजट 254 करोड़ रपए था, जिसे सरकार ने बढ़ाकर 578 करोड़ कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब पांच करोड़ तक के टेंडर केवल स्थानीय निवासियों को भी दिये जाएंगे। मुख्यमंत्री ने विधायक निधि में एक करोड़ की बढ़ोतरी की भी घोषणा की। उल्लेखनीय है कि पहले विधायक निधि 2 करोड़ 75 लाख थी। अब सीएम की नयी घोषणा के बाद बिधायक निधि 3 करोड़ 75 लाख हो गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भट्राचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। एनएच 74 का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अब तक इस मामले में छह लोगों को निलंबित किया जा चुका है। सीबीआई को मामला काफी पहले ही सौंपा जा चुका है और वह मामले की परीक्षण भी कर रही है लेकिन राज्य की जांच एजेंसियां भी अपना काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कुल 203 फाइलें अब तक बरामद की जा चुकी हैं। साथ ही इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि बायोमीट्रिक पण्राली लागू होने से कार्य संस्कृति में बदलाव भी नजर आ रहा है। ई-फाइलिंग की भी व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन नीति पारदर्शी बनाई जाएगी। ताकि खनन महंगा नहीं हो। सार्वजनिक वितरण पण्राली को भी पारदर्शी बनाया जा रहा है। ग्राम पंचायतों को कंप्यूटर से जोड़ने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेश कैसे बढ़ाया जाए। इसको लेकर सरकार काफी गंभीर है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *