देहरादून। उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए सरकार ने डॉक्टरों के बंपर तबादले किए हैं। लंबे समय से एक ही स्थान पर जमे 243 डॉक्टरों को इधर से उधर किया गया है। सूची में अधिकतर डॉक्टरों को पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात किया गया है।
राज्य निर्माण के सोलह साल बाद भी प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं पटरी पर नहीं आ पाई हैं। इसका मुख्य कारण विभाग के पास डॉक्टरों की भारी कमी है। स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों के जितने स्वीकृत पद हैं, उसके सापेक्ष डॉक्टर नहीं हैं। उस पर पर्वतीय क्षेत्रों के दूरदराज व दुर्गम तैनाती स्थलों पर जाने के लिए डॉक्टर तैयार नहीं। स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पर्वतीय व मैदानी, दोनों क्षेत्रों में सालों से एक ही स्थान पर तैनात डॉक्टरों की तबादला सूची पर मुहर लगा दी। मुख्यमंत्री का अनुमोदन मिलने के बाद शासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए। कुल 243 डॉक्टरों के नाम तबादला सूची में हैं। इनमें सात साल या ज्यादा समय से मैदानी क्षेत्रों में तैनात डॉक्टरों को पर्वतीय क्षेत्रों में भेजा गया है, इनकी संख्या करीब 170 बताई जा रही है। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में 14 साल या इससे अधिक अरसे से कार्यरत लगभग 73 डॉक्टरों को मैदानी क्षेत्रों में लाया गया है। सरकार ने तबादला सूची में जिला चिकित्सालयों में विशेषज्ञों की चिकित्सकों की कमी पूरी करने की कोशिश की है। खासतौर पर पर्वतीय जिलों में विशेषज्ञों को मैदानी क्षेत्रों से भेजा गया है। अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में इस वक्त तैनात कुल डॉक्टरों में से 93 अतिरिक्त को पहाड़ में भेजा गया है। जिला चिकित्सालयों में सर्जन, एनेस्थिस्ट, महिला रोग विशेषज्ञ व हड्डी रोग विशेषज्ञ व फिजीशियन तैनात किए गए हैं। बेस चिकित्सालय, संयुक्त चिकित्सालय में भी इसी तरह पूर्ति की गई है।