देहरादून। उत्तराखण्ड में पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के रेड कारपेट बिछाया गया है। इज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत 10 करोड़ तक के क्लीयरेंस का अधिकार जिलाधिकारियों को दिया गया है। 10 करोड़ से अधिक का क्लियरेंस मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा दिया जाता है। सोमवार को सचिवालय में बेलजियम के राजदूत श्री जेन लुयकस के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल मुख्य सचिव श्री एस.रामास्वामी से मिला। मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तराखंड में पूंजी निवेश की पर्याप्त संभावनाएं हैं। यहां का पर्यावरण, कानून व्यवस्था, कनेक्टिविटी, मानव संसाधन और सिंगल विंडो सिस्टम से क्लीयरेंस पूंजी निवेश के अनुकूल है। बेल्जियम के राजदूत ने उत्तराखंड में जड़ी जड़ी बूटी, खाद्य प्रसंस्करण, मसाले, मूंहम ट्रीटमेंट, स्मार्ट सिटी, आदि में पूंजी निवेश की इच्छा जताई। इसके अलावा जो भारतीय कंपनी उत्तराखंड में अपनी इकाई लगाना चाहती है, उसे तकनीकी सपॉर्ट भी देगी। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में वानिकी, आर्गेनिक खेती, सगंध और औसधीय पौधों की खेती, जल विद्युत और सौर ऊर्जा, पर्यटन, ऊर्जा आदि क्षेत्रों में पूंजी निवेश की संभावना है। बेल्जियम के ट्रेड काउंसेलर और उत्तराखंड की प्रमुख सचिव उद्योग का एक वर्किंग ग्रुप बनाया जाएगा, जिससे कि पूंजी निवेश के लिए उत्तराखंड और बेल्जियम के बीच एमओयू की कार्यवाही पूरी की जा सके। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री रणवीर सिंह, प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री उमाकांत पंवार, प्रमुख सचिव उद्योग श्री मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव सिंचाई श्री आनंद बर्धन, सचिव वित्त श्री अमित नेगी, सचिव पर्यटन श्री मीनाक्षी सुंदरम, एमडी सिडकुल श्री आर.राजेश कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।