ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित

देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में ऊर्जा विभाग के अंतर्गत विभिन्न केंद्र पोषित योजनाओं एवं राज्य में संचालित अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के संबंध में सचिव ऊर्जा श्रीमती राधिका झा द्वारा सभी कार्यक्रमों की प्रगति के संबंध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया गया। प्रस्तुतीकरण में योजनावार अद्यतन उपलब्धियों की जानकारी दी गई तथा निर्धारित लक्ष्यों की समयबद्ध रूप से प्राप्ति के लिए निर्णय हुए।
सचिव ऊर्जा द्वारा बताया गया कि प्रदेश के समस्त राजस्व ग्रामों का विद्युतीकरण पूर्ण कर लिया गया है। यह निर्णय लिया गया कि, प्रदेश के अवशेष समस्त 1343 तोकों का विद्युतीकरण जनवरी 2020 तक पूर्ण कर लिया जाए। बैठक में यह भी अवगत कराया गया कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में ग्रामीणों को सुचारू रूप से विद्युत उपलब्ध कराए जाने के लिए स्थानीय स्तर पर उपलब्ध जल स्रोतों पर आधारित माईक्रो हाईडिल परियोजनायें स्थापित कराई जाएं जिससे दूरस्थ क्षेत्रों तक ग्रिड लाईन लिये जाने में होने वाले व्यय तथा विद्युत हानि को कम कराया जा सके। यह भी निर्णय लिया गया कि ऑफ ग्रिड एरिया में माइक्रो हाईडल परियोजनाओं की स्थापना हेतु एक नीति तैयार की जाए जिसमें इन योजनाओं के संचालन एवं रखरखाव आदि की व्यवस्था की भी सहमति हो।
बैठक में तय हुआ कि प्रदेश में जल विद्युत परियोजनाओं के विकास हेतु  Condusive Environment  तैयार किए जाने के लिए हाइड्रो पावर एवं  रिनीबल एनर्जी विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन भी कराया जाए।
सचिव ऊर्जा श्रीमती राधिका झा ने बताया कि आर.ई.सी के के माध्यम से संचालित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत किए जा रहे कार्यो पर स्टेट जी.एस.टी( एस.जी.एस.टी ) का भुगतान विद्युत मंत्रालय द्वारा नहीं किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव ने अपने स्तर से विद्युत मंत्रालय को पत्र भेजने के निर्देश दिये।
व्यासी जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण की प्रगति की समीक्षा पर पाया गया कि कार्यों के संपादन की गति धीमी है। बैठक में सीपीएसयूएस के साथ ज्वाइंट वैंचर (संयुक्त तत्वाधान) में निर्माण कार्यों को गति प्रदान करने पर विचार किया गया। प्रत्येक जल विद्युत परियोजना के संबंध में केंद्र सरकार तथा सीपीयूएस के प्रबंध निदेशक के साथ वन-टू-वन बैठक कर इन परियोजनाओं को पूर्ण कराए जाने के लिए संसाधन विकसित करने पर विचार किया गया।
राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में उरेडा द्वारा विभिन्न विकासकर्ताओं को आवंटित परियोजनाओं के निर्माण में गति लाए जाने के संबंध में मुख्य सचिव द्वारा निर्देशित किया गया कि यूपीसीएल, उरेडा एवं बैंकों के प्रतिनिधियों एवं उद्योग विभाग के प्रतिनिधियों द्वारा गढ़वाल एवं कुमाऊं में ऋण मेलों का आयोजन कराया जाए जिससे विकासकर्ताओं को इन परियोजनाओं हेतु ऋण लेने में सुविधा हो। तथा मुख्य सचिव स्तर पर प्रत्येक माह प्रगति समीक्षा बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये गए। पिरूल से विद्युत उत्पादन परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा के दौरान बैंकों से ऋण स्वीकृत कराए जाने में तेजी लाने तथा जनपद स्तर पर बैठकों का निरन्तर आयोजन करने के निर्देश दिये गये। पिटकुल द्वारा काशीपुर, श्रीनगर डबल सर्किट लाइन के लिए एडीबी से ऋण अनुबंध कराए जाने के संबंध में अगले केबिनेट बैठक में प्रस्ताव लाने का निर्णय लिया गया । प्रदेश में ई-वाहनों के प्रोत्साहन हेतु पूर्व में मुख्य सचिव स्तर पर हुई बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार सरकारी विभागों में 20 प्रतिशत तक ई-वाहनों के उपयोग को अनिवार्य किए जाने के संबंध में आदेश जारी करने के निर्देश दिये गये। ऑनलाइन रिवेन्यू कलेक्शन में दिनांक 31 मार्च 2020 तक 50 प्रतिशत तक के लक्ष्य सुनिश्चित किए जाने हेतु निर्देशित किया गया। अल्मोड़ा शहर को शत-प्रतिशत डिजिटलाइज्ड किए जाने की कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में वित्त सचिव श्री अमित सिंह नेगी, अपर सचिव ऊर्जा कै0 आलोक शेखर तिवारी, प्रबन्ध निदेशक यूजेविएनएल श्री एस0एन0वर्मा, प्रबन्ध निदेशक यूपीसीएल श्री बी.के.मिश्रा, निदेशक आपरेशन यूपीसीएल श्री अतुल अग्रवाल तथा मुख्य परियोजना अधिकारी उरेडा श्री ए.के.त्यागी उपस्थित थे।

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