देहरादून। CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हॉल में एकीकृत हस्तशिल्प विकास एवं प्रोत्साहन योजना का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उत्तराखंड राज्य के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के शिल्पियों को प्रोत्साहन हेतु इस योजनांतर्गत राज्य के 15 विकासखंडो के 15000 शिल्पियों को विभिन्न शिल्पों को तैयार किए जाने हेतु टूल किट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून, उत्तरकाशी, चमोली, हरिद्वार, नैनीताल, रुद्रप्रयाग एवं टिहरी गढ़वाल के 70 शिल्पियों को प्रतीक स्वरुप के विभिन्न शिल्पों के टूल किट उपलब्ध कराकर योजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज का युवा स्वरोजगार की ओर बढ़ रहा है। स्वरोजगार के क्षेत्र में समाज को आगे बढ़ना है । स्वरोजगार से हमें स्वयं को संपन्न बनाना है। आज लोग खादी को बहुत पहनते हैं। खादी को अब नया लुक दिया जा रहा है। यह अच्छा पहनावा है, साथ ही स्वास्थ्य की दृष्टि से उत्तम पहनावा है। उन्होंने कहा कि हमें डिमांड के अनुरूप उत्पादन करना चाहिए तभी मार्केट में जगह मिलेगी। हमारी कला समाप्त होने का मुख्य कारण पढ़े लिखे लोगों का इसमें ना जुड़ना है। हमारी खोजी प्रवृत्ति ही हमें सीखने को प्रेरित करती है। उत्पादन में नई तकनीक को जोड़ने की जरूरत है। आज दिशा देने वाले बहुत हैं। हमें रेशा उत्पादन के क्षेत्र में भी काम करना है। विभाग द्वारा विकासखंडों को शिल्पों को प्रोत्साहित किए जाने हेतु दी जाने वाली 1 लाख रुपये की राशि और बढ़ायी जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शिल्पियों द्वारा उत्पादित वस्तुओं के स्टाल्स का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर विधायक श्री गणेश जोशी, श्री मदन लाल शाह, श्री सुरेंद्र सिंह नेगी एवं प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार भी उपस्थित थी।