कृषकों को मिले आतमा परियोजना का लाभ : जिलाधिकारी

देहरादून। आतमा कृषि प्राधिकरण प्रबन्धक अभिकरण योजनान्तर्गत शासी निकाय तथ जिला स्तरीय कृषक सलाहकार समिति की बैठक जिलाधिकारी एस ए मुरूगेसन की अध्यक्षता में विकासभवन सभागार में आहूत की गयी।
बैठक में जिलाधिकारी ने सभी रेखीय विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि आतमा परियोजना के अन्तर्गत जो भी योजनाएं संचालित हो रही हैं। उनका लाभ कृषकों को मिले इसके लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा, जिसके लिए कृषि के क्षेत्र में किसानों की नई तकनीकि की जानकारी मुहैया कराना तथा 2022 तक किसानों की आमदनी दुगनी करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी को इस क्षेत्र में कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि भारत के किसानों का मुख्य यंत्र हल है, जिसके पीछे पूरी दुनिया को अन्न प्राप्त हो रहा है तथा किसानों को उन्नतशील बनाने के लिए उन्हे समय-2 पर प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होने किसानों से भी अपेक्षा की है कि सरकार द्वारा कई योजनाएं संचालित तो हैं किन्तु उसमें उन्हे सम्पूर्ण सहयोग उपलब्ध नही हो पाता है इसके लिए उन्होने अपने स्तर से भी प्रयास करने होगें।
बैठक में परियोजना निदेशक आतमा मुख्य कृषि अधिकारी देहरादून श्री विजय देवराडी द्वारा अवगत कराया गया कि योजना में कृषि, उद्यान, पशुपालन, मतस्य, रेशम आदि विभागों में कृषकों को नवीन तकनीक अपनाने हेतु फसल प्रदर्शन, प्रशिक्षण तथा भ्रमण कार्यक्रम के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाता है तथा विभिन्न विधाओं में सर्वश्रेष्ठ कृषकों को पुरस्कृत किया जाता है। मुख्य कृषि अधिकारी ने सदन को बताया कि वर्ष 2017-18 हेतु जनपद के लिए रू0 77 लाख की योजना तैयार की गयी है, जिसमें कृषि तथा सम्बन्धित विभागों हेतु विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तावित की गयी है, जिसे सदन द्वारा पारित किया गया। बैठक में कृषि विज्ञान के वैज्ञानिकों द्वारा कृषि शोध तथा प्रचार-प्रसार के बारे में सदन को अवगत कराया गया
जिलाधिकारी द्वारा 4 कृषकों को जिला स्तरीय ‘किसान भूषण’ पुरस्कार से सम्मानित किया जिसमें किसानों को प्रशस्ति पत्र तथा विकासखण्ड के 23 कृषकों को ‘किसान श्री’ पुरस्कार दिया गया। सर्वश्रेष्ठ समूह पुरस्कार विकासनगर की मैत्री इन्वायरमेन्टल एण्ड सूरत डेवलपमैन्ट सोसाईटी को प्रदान करते हुए प्रशस्ति पत्र दिये गये। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी जी.एस रावत, नगर मजिस्टेªट सी.ए मंर्तोलिया, परियोजना निदेशक डी.आर.डी.ए राजेन्द्र सिंह रावत सहित रेखीय विभाग के अधिकारी एवं प्रगतिशील कृषक उपस्थित थे।

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