देहरादून। माध्यमिक स्कूलों में पुनर्नियुक्ति की मांग कर रहे प्रदेशभर के गेस्ट टीचरों ने मंगलवार को विधानसभा कूच किया। शिक्षकों का कहना था कि अधिकारी मांगों पर झूठा भरोसा देकर गुमराह कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ा है।
प्रदेशभर से आए अतिथि शिक्षक रेसकोर्स में एकत्रित हुए। यहां से जुलूस निकालते हुए विधानसभा भवन की ओर बढ़े। इससे पहले रिस्पना पुल पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया। आगे बढ़ने को लेकर काफी देर तक अतिथि शिक्षकों और पुलिस के बीच नोंकझोंक भी हुई। उधर, अथिति शिक्षकों का आंदोलन 7वें दिन भी जारी रहा। संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक यादव ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार की तरह वर्तमान सरकार भी उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रही है। कहा कि गत शनिवार को विधायकों ने उन्हें समर्थन दिया, मगर अभी तक शिक्षकों की स्थित जस की तस है। ऐसे में शिक्षकों को मानसिक और आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है। उनके पास सड़कों पर उतरने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है।
संघ के महामंत्री कविन्द्र कैंतुरा ने कहा कि वर्तमान सरकार ने अतिथि शिक्षकों के समायोजन का भरोसा दिया था लेकिन, अभी तक मामला सुलझा नहीं है। संघ के मीडिया प्रभारी दौलत जगूड़ी ने कहा कि गत मार्च में सेवाएं समाप्त होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में रिट डाली थी, जिस पर कोर्ट ने शिक्षकों को दो माह का सेवा विस्तार दिए जाने की बात कही थी। कोर्ट के आदेश के बाद भी अतिथि शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति नहीं हुई। जिसके चलते 5500 अतिथि शिक्षक बेरोजगर बैठे हैं। धरने में विजय पोखरियाल, महावीर, प्रवीण ठाकुर, राजपाल, हरीश आर्य, रमेश रमोला, सुनीता डोगरा, दुर्गा गुनसोला, सोनिया मनीषा आदि मौजूद रहे।