रूद्रपुर। ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता (ईसीबीसी) विषय पर उरेडा द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ जिलाधिकारी/उपाध्यक्ष जिला विकास प्राधिकरण डाॅ.नीरज खैरवाल ने कलैक्ट्रेट स्थित डाॅ.एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में किया।
इस अवसर जिलाधिकारी ने कहा कि हमें ऊर्जा के संरक्षण हेतु अपने ही घर से मुहिम की शुरूआत करनी होगी। हम अपने घरों में कितनी ऊर्जा का संरक्षण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बिजली की खपत को कम करने के लिए एलईडी बल्ब, पंखों के साथ सौर ऊर्जा को प्राथमिकता में शामिल करना होगा। उन्होंने कहा कि कृषकों व उद्योगपतियों को जागरूक कर, सौर ंऊर्जा के क्षेत्र में कार्य कर अधिक से अधिक ऊर्जा का संरक्षण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जनपद ऊधम सिंह नगर कृषि बाहुल्य क्षेत्र है, किसानों को खेतों में सिंचाई करने हेतु अधिक से अधिक बिजली खर्च करनी होती है। इसके लिए पम्पिंग सेटों को सोलर से जोड़ने का कार्य किया जाये। जिलाधिकारी ने नगर निगम/नगर पालिका/नगर पंचायत, चिकित्सालयों सहित अन्य विभागों में ऊर्जा आॅडिट करवाने तथा एलईडी बल्ब, ट्यूबलाईट आदि ऊर्जा दक्ष उपकरणों के प्रयोग एवं सोलर पाॅवर प्लांट आदि हेतु उरेडा कार्यालय से सम्पर्क कर क्रियान्वित करने हेतु सीडीओ को निर्देश दिये। मुख्य विकास अधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय ने बताया कि उरेडा के माध्यम से इस वर्ष 60 हजार एलईडी बल्बों का वितरण कराया जा रहा है। जिस हेतु एकमुस्त धनराशि भी उरेडा को उपलब्ध कराई जा रही है।
कार्यशाला में वरिष्ठ परियोजना अधिकारी आरसी पाण्डेय ने समस्त प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि 500 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल के भवनांें में ऊर्जा संरक्षण हेतु केन्द्र सरकार के इसीबीसी एक्ट को प्रदेश सरकार के द्वारा भी स्वीकार किया गया है तथा उहाडा (उत्तराखण्ड हाउसिंग एण्ड अर्बन डेवलपमेंट आॅथोरिटी) के द्वारा इसीबीसी के अनुरूप उपनियमों में संशोधन किया जा रहा है। कार्यशाला में जिला विकास प्राधिकरण, क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण, नगर निगमों, एवं अभियांत्रिकीय विभागों के अधिकारी एवं आर्किटैक्ट के द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।
कार्यशाला ईसीबीसी के प्रशिक्षण हेतु उरेडा द्वारा नामित संस्था ग्रीन ट्री एनर्जी बिल्डिंग के प्रशिक्षक अनुराग वाजपेयी, उप मुख्य परियोजना अधिकारी उरेडा अमरजीत सिंह ने वाणिज्यिक भवनों के लिए ऊर्जा प्रदर्शन मानक, प्रौद्योगिकीय में निर्माण हेतु ऊर्जा खपत को कम करने की विधियाॅ, वास्तुकारों को नक्शा बनाते समय सोर ऊर्जा स्त्रोंतों का भरपूर उपयोग करने की व्यवस्था आदि के विषय में विस्तार से जानकारी दी।
कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय, अपर जिलाधिकारी प्रताप सिंह शाह, देवेश पंत, ब्रजेश शर्मा , उमेश चन्द्र मिश्रा, यूसी बहुगुणा, हिमांशु भट्ट, जयदीप अरोरा, हिमांशु कोहली, प्रेम सिंह, ललित जोशी, दिनेश शर्मा सहित जिला विकास प्राधिकरण, क्षेत्रीय विकास प्रधिकरण, विभिन्न कम्पनियों के अधिकारी व कर्मचारी एवं वास्तुकार उपस्थित थे।