देहरादून। इस चुनाव में बागियों को लेकर जनता में नाराजगी दिख रही थी, लेकिन चुनाव परिणाम देखने से लगता है कि मतदाता ने ज्यादातर बागियों को गले ही लगाया है। इस चुनाव में 17 प्रत्याशी ऐसे थे, जो कांग्रेस से भाजपा या कांग्रेस से भाजपा में जाकर नये दल के टिकट पर मैदान में थे। इनमें से सिर्फ पांच ही चुनाव हारे और 12 बागियों को मतदाताओं ने हाथों हाथ लिया।गत मार्च में कांग्रेस से खुली बगावत के दौरान नौ विधायक विजय बहुगुणा, हरक सिंह रावत, शैलेन्द्र मोहन सिंघल, अमृता रावत, सुबोध उनियाल, शैला रानी रावत, उमेश शर्मा काऊ, कुंवर प्रणव चैम्पियन, प्रदीप बत्रा भाजपा में शामिल हो गये थे। बाद में विधायक रेखा आर्य, पूर्व विधायक केदार सिंह रावत व बाजपुर के विधायक यशपाल आर्य भी भाजपा में चले गये थे। जसपुर के आदेश सिंह चौहान भी शैलेन्द्र मोहन सिंघल के भाजपा में आने के बाद कांग्रेस में चले गये थे। भीमलाल आर्य व दान सिंह भंडारी भी भाजपा छोड़कर कांग्रेस में चले गये थे। इनमें से शैलेन्द्र मोहन सिंघल, दान सिंह भंडारी, भीमलाल आर्य, सुरेश चंद जैन व शैलारानी रावत को छोड़ अन्य सभी मैदान मारने में सफल रहे।