देहरादून। मुख्य सचिव श्री एस.रामास्वामी ने मंगलवार को सचिवालय में जल संचय दिवस, स्वच्छ भारत मिशन(ग्रामीण) के बारे में जिलाधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से दिशानिर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल संचय, संवर्धन अभियान प्रदेश मुख्यालय, जनपद मुख्यालय, विकास खंड मुख्यालय पर 25 मई 2017 से चलाया जायेगा। इस अभियान का शुभारम्भ प्रदेश मुख्यालय पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और जनपद मुख्यालय पर प्रभारी मंत्री द्वारा किया जायेगा। मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर जल संचय दिवस पर लगभग 50 लीटर पानी की बचत की जायेगी। इसके लिये एक लीटर पानी की प्लास्टिक बोतल में आधा रेत और आधा पानी भरकर सिस्टर्न में डाला जायेगा। इस तरह से एक दिन में यदि एक परिवार में 15 बार शौचालय का उपयोग करते हुए सिस्टर्न चलाया जाता है तो 15 लीटर पानी का बचत किया जा सकता है। रेत से भरी बोतल का सिस्टर्न में उपयोग होता है तो पूरे वर्ष में प्रदेश में लगभग 547.50 करोड़ लीटर पानी की बचत संभव है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने 25 मई 2017 को पांच लाख शौचालयों के सिस्टर्न में रेत भरी बोतल रखकर लगभग 50 लाख लीटर पानी की बचत करने का लक्ष्य रखा है। आबादी के हिसाब से सभी जनपदों का लक्ष्य तय किया गया है। जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये कि यह अभियान जनपद मुख्यालय से ग्राम पंचायत स्तर तक समस्त सरकारी कार्यालयों, पंचायती राज संस्थाओं में चलाया जाय। सभी होटलों, व्यावसायिक संस्थानों से समन्वय कर लक्ष्य आवंटित किये जायं। इसके साथ ही सभी अधिकारी, कर्मचारी भी अपने घरों, आवासीय परिसरों में इसका इस्तेमाल करें। स्वच्छ भारत अभियान(ग्रामीण) के बारे में मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि अब तक बनाये गये, व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों की जीयो टैगिंग(फोटोग्राफ्स) को आइएमआईएस पर अपलोड किया जाय। राज्य में बेस लाइन सर्वे के सापेक्ष 13459 शौचालय बनाये जाने हैं। मई के अंत तक राज्य इस लक्ष्य को पूरा कर लेगा। 840 गांव पहले ही खुले में शौच से मुक्त(ओडीएफ) हो चुके हैं। अन्य राज्यों की तुलना में उत्तराखंड आगे चल रहा है। जून के पहले सप्ताह में उत्तरखंड देश का पहला ओडीएफ राज्य बन जायेगा। मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि जल संचय, संवर्धन दिवस अभियान के फोटोग्राफ्स स्वजल निदेशालय की वेबसाइट ेूंरंसण्नाण्हवअण्पद पर एक्सटर्नल लिंक फोटो अपलोड ‘जल संचम अभियान’ पर क्लिक कर डालें। इस वेबसाइट पर सुझाव भी दिये जा सकते हैं। बैठक में सचिव पेयजल श्री अरविंद सिंह हयांकी, निदेशक स्वजल परियोजना डाॅ.राघव लंगर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।