देहरादून। जीएसटी के फेर में उत्तराखंड के इंडस्ट्रियल हब ऊधमसिंह नगर में रविवार से 13 दिन की उद्योग बंदी रहेगी। हालांकि यह बंदी एक जुलाई से देशभर में लागू होने वाली माल एवं सेवा कर पण्राली (जीएसटी) की जटिलताएं समझने के लिए उद्योगों ने खुद ही तय की है। मगर आशंका है कि इससे प्रदेश के उद्योगों खासकर कुमाऊं मंडल के उद्योगों में काम कर रहे दिहाड़ी व ठेका मजदूरों की आजीविका बुरी तरह प्रभावित होगी। इस बंदी के तहत पंतनगर स्थित स्टेट इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखंड (सिडकुल) की 400 से ज्यादा इकाइयां 25 जून से सात जुलाई तक बंद रहेंगी। इस दौरान उद्योग नई कर पण्राली का उनके कच्चे माल की कीमतों पर प्रभाव का अध्ययन करेंगी उद्योगों का कहना है कि जीएसटी पण्राली की जटिलताएं समझने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। सिडकुल एंटरप्रेन्योर वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष मनोज त्यागी का कहना है कि कर ढांचे का व्यापक ज्ञान होने से उद्योगों को नए कर ढांचे में उनके माल की कीमतें तय करने में मदद मिलेगी। इसीलिए इकाइयां बंद करने का फैसला लिया गया है। सूत्रों की मानें तो कुछ फैक्ट्रियां 10 दिन बाद या एक हफ्ते बाद भी उत्पादन कार्य शुरू करने की सोच रही हैं। एक अनुमान के मुताबिक इन फैक्ट्रियों में रोजाना पांच सौ करोड़ रुपये का उत्पादन होता है। बंदी से करीब 6500 करोड़ की सीधी चपत लगेगी। यह कुछ उसी तरह का नुकसान है जैसा कि नोटबंदी के समय हुआ था जिस कारण बहुत सी इकाइयां बंद हो गई थीं जिस वजह से हजारों मजदूरों का रोजगार छिन गया था।