देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के नाक कान गला रोग विभाग के डाॅक्टरों ने एक महिला की आहार नाल से डेंचल निकाला। डेंचर एक साल से महिला की आहार नाल में फंसा था। इसके कारण महिला को खाना निगलने में परेशानी हो रही थी व लगातार दर्द भी रहता था। महिला ने कई जगह जाॅच करवाई लेकिन जाॅच रिपोर्टों में दर्द का कारण पता नहीं चल सका। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के डाॅक्टरों ने महिला की एंडोस्कोपी कर आहार नाल मंे डेंचर फंसा होने की पुष्टि की व आॅपरेशन कर कृतिम दांत व डेंचर को बाहर निकाला।
कोटद्वार गिवाई साई काॅलोनी निवासी लक्षमी देवी उम्र 68 साल को एक साल से गले के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत थी। लक्षमी देवी के पति भगत सिंह ने जानकारी दी कि उनकी पत्नी शुगर की मरीज़ हैं। उनको कृत्रिम दांत व डेंचर लगा हुआ था। करीब एक साल पहले दवा खाते समय उन्हें ऐसा अहसास हुआ कि उनका दांत कहीं गिर गया है। लेकिन वे इस बात से अनजान थे कि दांत व डेंचर उन्होंने दवा खाते समय पानी सहित निगल लिया है। जब उन्हें गले के निचले भाग में दर्द रहने लगा तो उन्हें आहार नाल में कुछ फंसा होने का अहसास हुआ। उन्होंने कई डाॅक्टरों से परामर्श लिया लेकिन दर्द का सही कारण पता नहीं चल सका।
10 जनवरी 2020 को लक्षमी देवी को श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में भर्ती किया गया। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के नाक कान गला रोग विशेषज्ञ डाॅ अपूर्वा पाण्डे व उनकी टीम की देखरेख में मरीज़ की प्रारम्भिक जाॅचंे की गईं। गैस्ट्रोइन्ट्रोलाॅजिस्ट डाॅ पंकज दीक्षित ने मरीज़ की एण्डोस्कोपी की व जाॅच में पाया कि मरीज़ की आहार नाल में डेंचर सहित दांत फंसा हुआ है। नाक कान गला रोग विशेषज्ञ डाॅ अपूर्वा पाण्डे ने 11 जनवरी 2020 को लक्षमी का सफल आॅपरेशन किया। करीब एक घण्टे तक चले आॅपरेशन में मरीज़ की आहार नाल से डेंचर व दांत निकाल लिया गया। अब मरीज़ बिल्कुल ठीक है व उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। लक्षमी देवी आॅपरेशन के बाद ओरल फीड पूरी तरह से ले पा रही हैं। आॅपरेशन को सफल बनाने में नाक कान गला रोग विभाग की प्रमुख डाॅ त्रिप्ती ममगाई का विशेष सहयोग रहा। आॅपरेशन में डाॅ एजाज, डाॅ ऋषभ, एनेस्थीसिया से डाॅ आशुतोष, ओटी स्टाफ से राजीव, सिस्टर डोल्मा एवम् देव ने महत्वपूर्णं भमिका निभाई।