देहरादून। कक्षा आठवीं तक पढ़ाने वाले शिक्षकों ने यदि पूर्व बीटीसी का प्रशिक्षण नहीं लिया है तो वे डीएलएड कर लें। यदि ऐसा न किया तो 31 मार्च 2019 के बाद उनकी नौकरी खतरे में पड़ जाएगी। इसके साथ ही सभी शिक्षकों का पूरा ब्योरा भी तलब कर लिया गया है। निदेशक शिक्षा आरके कुंवर ने सभी तरह के स्कूलों (सरकारी, अर्धसरकारी व पब्लिक) के लिए इस तरह के निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों में कहा गया है कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश आ चुके हैं। गत तीन अगस्त को जारी निर्देशों में मंत्रालय ने कहा कि डीएलएड के लिए शिक्षकों को अंतिम अवसर दिया जा रहा है। 31 मार्च 2019 तक इसका प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा। प्रारंभिक शिक्षा में कार्यरत जो शिक्षक ऐसा नहीं करेगा वे शिक्षण कार्य के लिए अयोग्य घोषित हो जाएंगे और उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने सभी स्कूलों से इस संबंध में ब्योरा मांगा है। निजी स्कूल प्रबंधकों से भी इसकी डिटेल मांगी गयी है। इसमें शिक्षकों की पूरी शैक्षिक योग्यता (बीटीसी या डीएलएड) का भी ब्योरा देना होगा। इस सूचना को 18 अगस्त तक साफ्ट एवं हार्ट कापी में देना होगा। इस सूचना के आधार पर एनआईओएस के द्वारा स्कूलों को स्कूल कोड व पार्सवड दिया जाएगा। इस कोड के बाद वे 15 सितंबर तक आनलाइन आवेदन कर सकेंगे। जो स्कूल ऐसा नहीं करेंगे, उनके शिक्षकों डीएलएड का प्रशिक्षण देने के लिए विचार नहीं किया जाएगा। इसके सभी प्रधानाध्यापक व स्कूल प्रबंधक जिम्मेदार होंगे। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने ये निर्देश आरटीई एक्ट 2009 के तहत दिये हैं। इससे शिक्षकों की दक्षता निर्धारण के रूप में लिया गया है।