देहरादून। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 31 मई विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर उत्तराखण्ड विधानसभा में आयोजित कार्यक्रम में तम्बाकू सेवन के विरूद्ध जनजागरूकता अभियान चलाने की अपील की। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी लोग जानते है कि तम्बाकू स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ही नही घातक भी है फिर भी इसके प्रयोग को आसानी से छोड़ नहीं पाते। उन्होंने कहा कि यदि हम तम्बाकू सेवन को छोड़ने का दृढ़ संकल्प कर ले तो यह आसानी से छूट सकती है। तम्बाकू तथा नशे आदि का सेवन न केवल व्यक्तिगत एवं शारीरिक रूप से हानिकारक है बल्कि इसके सामाजिक व आर्थिक दुष्परिणाम भी है। आज उत्तराखण्ड जैसे छोटे राज्य में भी प्रतिवर्ष तम्बाकू सेवन से 13000 लोग प्रतिवर्ष मर जाते है तथा अनुमान के अनुसार 2020 तक यह संख्या 20000 हो जाएगी। यह निश्चित रूप से चिंता का विषय है। श्री रावत ने कहा कि तम्बाकू सेवन के विरूद्ध कानून एवं व्यवस्थाएं बनी हुई परन्तु उन्हें प्रभावी रूप से लागू करने की आवश्यकता है। पुलिस के अतिरिक्त अन्य प्राधिकारियों तथा विभागों को भी तम्बाकू प्रयोग के विरूद्ध कार्यवाही करने का अधिकार है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमें सामाजिक, पारिवारिक समारोहो में भी तम्बाकू एवं नशे के सेवन का विरोध करना होगा। तम्बाकू आदि के सेवन से दूर रहने में हमारे संस्कारो का अत्यधिक महत्व है। घरों एवं विद्यालयों में बच्चों को संस्कार दिए जाने चाहिए। धार्मिक वर्गो को भी तम्बाकू व नशे आदि सेवन के विरूद्ध समाज में सक्रिय भागीदारी करनी होगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने विधानसभा अध्यक्ष को विधानसभा भवन में आयोजित उक्त रचनात्मक आंदोलन के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आशा है कि यह रचनात्मक कार्य विधानसभा से बाहर भी किया जाएगा। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद्र अग्रवाल, विधायक श्री उमेश शर्मा, श्री मुन्ना सिंह चैहान आदि उपस्थित थे।