नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक के मुद्दे पर अपना फैसला सुना दिया है। पांच जजों की बेंच में से तीन जजों ने इसे असंवैधानिक करार दे दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को इस पर कानून बनाने का 6 महीने का वक्त दिया है। इस 6 महीने में भी कोई पुरुष एक बार में तीन तलाक बोलकर मुस्लिम महिला को तलाक नहीं दे सकता ।
इस पांच प्वाइंट्स में जानें आज देश की सर्वोच्च न्यायालय ने तीन तलाक पर क्या बड़े फैसले सुनाए।
1.सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत से तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया यानी इसे खत्म कर दिया. मुस्लिम महिलाओं के लिए ये फैसला उनकी जिंदगी बदलने वाला है।
2. कोर्ट के इस फैसले के साथ आज से तीन तलाक निरस्त हो गया। यानी तीन तलाक एक बार में बोलकर पति अपनी पत्नी को तलाक नहीं दे सकेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर छह महीने में कानून नहीं बनाया जाता है तो तीन तलाक पर शीर्ष अदालत का आदेश जारी रहेगा।
3. 5 जजो की बेंच में से 3 जजों ने तीन तलाक को असंवैधानिक बताया। असंवैधानिक होने के साथ ही ये खत्म हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने इस्लामिक देशों में तीन तलाक खत्म किये जाने का हवाला दिया और पूछा कि स्वतंत्र भारत इससे निजात क्यों नहीं पा सकता।
4. दो जजों ने इसे पूरी तरह खारिज नहीं किया, जिसका मतलब है कि इसे संवैधानिक अधिकारों का उल्लंधन नहीं माना।
5. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीन तलाक पर 6 महीने के अंदर सरकार संसद में कानून बनाए। सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों से अपने मतभेदों को दरकिनार रखने और तीन तलाक के संबंध में कानून बनाने में केन्द्र की मदद करने को कहा है।
पांच जजों की संविधान पीठ ने 18 मई को इस पर फैसला सुरक्षित रखा था. इस व्यवस्था को खत्म करने के लिए मुस्लिम महिलाओं की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दलीलें रखी गई थी, जबकि पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसे धार्मिक मसला बताते बुए इस पर सुनवाई न करने की मांग की थी.