राज्य में रेल, सड़क व हवाई सुविधाओं का किया जा रहा तेजी से विकास, पर्यटन को बनाया जा रहा आर्थिकी का मजबूत आधार
देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हिमालय हमारे लिये चिर स्थायी संसाधन हैं। सेवा हमारे स्वभाव में है। दक्ष मानव संसाधन की हमारे पास उपलब्धता है। हमारे युवा परिश्रमी, मेहनती व शिक्षित हैं। हमारे युवाओं को जरूरत व्यवसायिकता को अपनाने की है। जिसे उन्हें अपने स्वभाव से जोड़ना होगा, तभी वे पर्यटन से जुड़ी योजनाओं के बेहतर संवाहक बन सकेंगे।
राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित सस्टेनेबल हिमालयन टूरिज्म सम्मान समारोह का शुभारम्भ करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पर्यटन हमारी आर्थिकी का एक मजबूत आधार बने इसके लिये राज्य सरकार द्वारा प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं। 13 जिले 13 नये पर्यटन गंतव्यों की योजना इसी आधार पर बनायी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में रेल, सड़क व हवाई सुविधाओं का तेजी से विकास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि शीघ्र ही चारधाम सड़क व ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना धरातल पर दिखाई देगी। हमारा प्रयास उत्तराखण्ड में अधिक से अधिक आउटडोर पर्यटकों को आकर्षित करना है। इसके लिये आवागमन के संसाधनों का विकास किया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में हैली सेवा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि राज्य के सुदूरवर्ती सीमान्त क्षेत्रों के नैसर्गिक सौन्दर्य को देखने देश व दुनिया के पर्यटक आ सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा निवेशकों को आकर्षित करने के लिये किये गये प्रयासों के भी सकारात्मक परिणाम मिल रहे है। पर्यटन के क्षेत्र में कई निवेशक राज्य के प्रति आकर्षित हुए है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड अधिकांश राज्यों से सीधा जुड़ा है। देवबंद-रूड़की रेल लाईन व सहारनपुर-बागवत-दिल्ली हाईवे के पूर्ण होने पर देहरादून से दिल्ली की दूरी और समय कम हो जायेगा। राज्य में विदेशी पर्यटकों का आवागमन भी बढ़ा है। राज्य में हाम-स्टे योजना को बढ़ावा देने के लिये घरेलू दर पर बिजली व पानी की उपलब्धता के साथ ही इज-आफ-डूईंग बिजनेस के तहत नीतिगत परिवर्तन करते हुए इसके लैंड यूज के नियमों में भी बदलाव किया गया है। उन्होंने इस प्रकार के आयोजनों के लिये उत्तराखण्ड चेम्बर आफ कामर्स का भी आभार जताया। इस क्षेत्र के विकास हेतु प्राप्त होने वाले सुझावों पर अमल करने की भी बात उन्होंने कही। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने परिसर में विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों द्वारा लगाये स्थानीय उत्पादों के स्टॉलों का भी अवलोकन किया। कार्यक्रम में नेपाल सरकार के प्रतिनिधि हेमराज बिष्ट, पर्यटन विभाग भारत सरकार के प्रतिनिधि मेजर योगेन्द्र यादव ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर पीएचडी के अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र कालरा, श्री अनिल तनेजा सहित अन्य पर्यटन व्यवसायी उपस्थित थे।
राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित सस्टेनेबल हिमालयन टूरिज्म सम्मान समारोह का शुभारम्भ करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पर्यटन हमारी आर्थिकी का एक मजबूत आधार बने इसके लिये राज्य सरकार द्वारा प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं। 13 जिले 13 नये पर्यटन गंतव्यों की योजना इसी आधार पर बनायी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में रेल, सड़क व हवाई सुविधाओं का तेजी से विकास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि शीघ्र ही चारधाम सड़क व ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना धरातल पर दिखाई देगी। हमारा प्रयास उत्तराखण्ड में अधिक से अधिक आउटडोर पर्यटकों को आकर्षित करना है। इसके लिये आवागमन के संसाधनों का विकास किया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में हैली सेवा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि राज्य के सुदूरवर्ती सीमान्त क्षेत्रों के नैसर्गिक सौन्दर्य को देखने देश व दुनिया के पर्यटक आ सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा निवेशकों को आकर्षित करने के लिये किये गये प्रयासों के भी सकारात्मक परिणाम मिल रहे है। पर्यटन के क्षेत्र में कई निवेशक राज्य के प्रति आकर्षित हुए है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड अधिकांश राज्यों से सीधा जुड़ा है। देवबंद-रूड़की रेल लाईन व सहारनपुर-बागवत-दिल्ली हाईवे के पूर्ण होने पर देहरादून से दिल्ली की दूरी और समय कम हो जायेगा। राज्य में विदेशी पर्यटकों का आवागमन भी बढ़ा है। राज्य में हाम-स्टे योजना को बढ़ावा देने के लिये घरेलू दर पर बिजली व पानी की उपलब्धता के साथ ही इज-आफ-डूईंग बिजनेस के तहत नीतिगत परिवर्तन करते हुए इसके लैंड यूज के नियमों में भी बदलाव किया गया है। उन्होंने इस प्रकार के आयोजनों के लिये उत्तराखण्ड चेम्बर आफ कामर्स का भी आभार जताया। इस क्षेत्र के विकास हेतु प्राप्त होने वाले सुझावों पर अमल करने की भी बात उन्होंने कही। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने परिसर में विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों द्वारा लगाये स्थानीय उत्पादों के स्टॉलों का भी अवलोकन किया। कार्यक्रम में नेपाल सरकार के प्रतिनिधि हेमराज बिष्ट, पर्यटन विभाग भारत सरकार के प्रतिनिधि मेजर योगेन्द्र यादव ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर पीएचडी के अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र कालरा, श्री अनिल तनेजा सहित अन्य पर्यटन व्यवसायी उपस्थित थे।