देहरादून। प्रदेश में चायनीज मांझे पर पाबंदी लगा दी गई है। राज्यपाल डॉ. केके पॉल की मंजूरी के बाद मुख्य सचिव एस. रामास्वामी की ओर से इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी गई है। बता दें कि पर्यावरण प्रेमी लंबे समय से चीनी मांझे पर पाबंदी लगाने की मांग कर रहे थे। अब प्रदेश में चीनी मांझे यानी नायलॉन या प्लास्टिक या सिंथेटिक सामग्री से युक्त धागे की बिक्री, उपयोग या भंडारण पर प्रतिबंध लग गया है। इस संबंध में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की ओर से भी केंद्र सरकार को चायनीज मांझे पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए गये हैं।
बता दें कि कांच के पाउडर या अन्य हानिकारक से लेपित नायलॉनयुक्त धागा या अन्य सिंथेटिक धागा को सामान्यत: नायलॉन मांझा या चाइनीज डोर या चायनीज मांझा के नाम से जाना जाता है। इस धागे से पतंग उड़ाने के दौरान पक्षियों और आम लोगों को बहुत बार चोट लगने और इन चोटों के कारण लोगों अथवा पक्षियों की मौत तक हो जाने की घटनाएं होती रहती हैं, क्योंकि नायलॉन या प्लास्टिक या सिंथेटिक सामग्री से युक्त धागे के टुकड़े फिर से जमीन पर आ जाते हैं और लंबे समय तक नष्ट नहीं होते और गैरजैविक होने के कारण इनसे सीवेज जल निकासी व प्राकृतिक जल मागरे, नदियों, जलधाराओं में अवरोध भी पैदा होता है। यही नहीं गाय या अन्य जानवर गलती से इन्हें खा जाते हैं जिससे उनके दम घुटने की आशंका भी रहती है। अधिसूचना के मुताबिक इस सबको देखते हुए यह जरूरी हो गया है कि नायलॉन या प्लास्टिक या सिंथेटिक सामग्री से युक्त धागे के घातक असर से लोगों की सुरक्षा की जाए। प्रदेश शासन ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत अधिसूचना जारी की है।