श्रीनगर में रोजगार मेला आगामी 20 फरवरी को, प्रकृति से प्राप्त संसाधनों का उचित दोहन करने पर दिया जोर
श्रीनगर/देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को श्रीनगर के गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के बिडला परिसर में आयोजित छात्र संघ समारोह के उद्घाटन में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में सर्वप्रथम उन्होंने छात्र संघ के पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर छात्र संघ पदाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र को केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों हेतु स्टेडियम निर्माण, एनएसएस की सहायता राशि को बढ़ाकर करीब 50 लाख करने, समय-समय पर श्रीनगर में रोजगार मेला आदि संचालित करने आदि की मांग से सम्बन्धित ज्ञापन सौंपा गया। जिस पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि यद्यपि केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के नाते सभी मांगे पूरी करना केन्द्र की जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने बच्चों की कुछ मांगों को राज्य सरकार द्वारा ही पूरा करने का आश्वासन दिया। इसके अलावा रोजगार मेले के सन्दर्भ में उन्होंने कहा कि इसे पहले ही स्वीकृत कर दिया गया है। जिसकी तर्ज पर श्रीनगर में रोजगार मेला आगामी 20 फरवरी, 2020 को आयोजित किया जा रहा है।
उन्होंने क्षेत्रीय विधायक और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. धन सिंह रावत की ओर से शिक्षा के क्षेत्र में किये गये कार्यों की सराहना की। उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री डा0 रावत को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में काफी इजाफा हुआ है। चाहे वह विद्यालयों को फर्नीचर युक्त करने संबंधी हो या फिर विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज संचालित करने को लेकर हों। यहां तक कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में एकसाथ छात्र संघ के चुनाव भी सम्पन्न किये जा रहे हैं। जिसमें कई महीने खर्च होते थे साथ ही विद्यार्थियों का पठन पाठन भी प्रभावित होता था।
छात्रों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने प्रकृति से प्राप्त संसाधनों का उचित दोहन करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकांश जिले पर्वतीय हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों में रोजगार के लिए कारखाने स्थापित करना काफी चुनौतियां से भरा है। लेकिन सही नीति और युवाओं की जागरूकता से उत्तराखंड की भौगोलिक बनावट के आधार पर प्रकृति के अनुरूप रोजगार स्थापित किये जा सकते हैं। उन्होंने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने को कहा।
उन्होंने कहा कि राज्य में गत वर्ष ही सरकार ने सीपेट संस्थान स्थापित किया है। जिसमें सौ प्रतिशत रोजगार की गारंटी है। यह संस्थान युवाओं को तीन-तीन महीने का प्रशिक्षण देकर रोजगार के क्षेत्र के लिए तैयार कर रहा है। इसके अलावा पर्वतीय जिलों में पर्यटन आधारित व्यवसाय स्थापित कर सकते हैं। होमस्टे की तर्ज पर राज्य सरकार पर्यटन के क्षेत्र में युवाओं को प्रशिक्षित कर रही है। उन्होंने उत्तराखंड में प्रकृति आधारित स्वरोजगार की अपार सम्भावनाओं पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में सरकार यूरोपीय देशों की तर्ज पर सर्दी में भी टूरिज्म इंडस्ट्री को वैज्ञानिक तरीके से स्थापित करने पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रकृति ने हर प्रकार से उत्तराखंड को सम्पन्न किया है। यहां पर विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों से लेकर विश्वस्तरीय पर्यटक स्थल आदि मौजूद हैं। यहां तक कि विश्व में बेहतरीन बायोडाइवर्सिटी के लिए भी उत्तराखंड की ओर विश्व की नजर है। कहा कि उत्तराखंड राज्य का भविष्य बेहद उज्जवल होने वाला है।
समारोह में पर्यटन एवं तीर्थाटन मंत्री सतपाल महाराज और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा0 धन सिंह रावत ने भी विद्यार्थियों को सम्बोधित किया। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में कई उत्कृष्ट कार्य किये जा रहे हैं। इसी तर्ज पर औली में स्कीईंग प्रतियोगिता भी आयोजित की जा रही है। जिससे कि राज्य में विंटर डेस्टीनेशन को भी स्थापित किया जा सकेगा। यही नहीं धार्मिक क्षेत्र में भी गढ़वाल और कुमांऊ के एक-एक दर्जन भगवती मंदिर समूहों को जोड़कर धार्मिक सर्किट विकसित किया जा रहा है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी श्री धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री दिलीप सिंह कुंवर, कुल सचिव ए.के झा, कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो0 पीएस राणा, एनएसएस समन्वयक प्रो0 ओके बेलवाल, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, एसडीएम श्रीनगर डी.एस. नेगी सहित छात्र-छात्राएं आदि मौजूद रहे।
उन्होंने क्षेत्रीय विधायक और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. धन सिंह रावत की ओर से शिक्षा के क्षेत्र में किये गये कार्यों की सराहना की। उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री डा0 रावत को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में काफी इजाफा हुआ है। चाहे वह विद्यालयों को फर्नीचर युक्त करने संबंधी हो या फिर विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज संचालित करने को लेकर हों। यहां तक कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में एकसाथ छात्र संघ के चुनाव भी सम्पन्न किये जा रहे हैं। जिसमें कई महीने खर्च होते थे साथ ही विद्यार्थियों का पठन पाठन भी प्रभावित होता था।
छात्रों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने प्रकृति से प्राप्त संसाधनों का उचित दोहन करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकांश जिले पर्वतीय हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों में रोजगार के लिए कारखाने स्थापित करना काफी चुनौतियां से भरा है। लेकिन सही नीति और युवाओं की जागरूकता से उत्तराखंड की भौगोलिक बनावट के आधार पर प्रकृति के अनुरूप रोजगार स्थापित किये जा सकते हैं। उन्होंने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने को कहा।
उन्होंने कहा कि राज्य में गत वर्ष ही सरकार ने सीपेट संस्थान स्थापित किया है। जिसमें सौ प्रतिशत रोजगार की गारंटी है। यह संस्थान युवाओं को तीन-तीन महीने का प्रशिक्षण देकर रोजगार के क्षेत्र के लिए तैयार कर रहा है। इसके अलावा पर्वतीय जिलों में पर्यटन आधारित व्यवसाय स्थापित कर सकते हैं। होमस्टे की तर्ज पर राज्य सरकार पर्यटन के क्षेत्र में युवाओं को प्रशिक्षित कर रही है। उन्होंने उत्तराखंड में प्रकृति आधारित स्वरोजगार की अपार सम्भावनाओं पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में सरकार यूरोपीय देशों की तर्ज पर सर्दी में भी टूरिज्म इंडस्ट्री को वैज्ञानिक तरीके से स्थापित करने पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रकृति ने हर प्रकार से उत्तराखंड को सम्पन्न किया है। यहां पर विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों से लेकर विश्वस्तरीय पर्यटक स्थल आदि मौजूद हैं। यहां तक कि विश्व में बेहतरीन बायोडाइवर्सिटी के लिए भी उत्तराखंड की ओर विश्व की नजर है। कहा कि उत्तराखंड राज्य का भविष्य बेहद उज्जवल होने वाला है।
समारोह में पर्यटन एवं तीर्थाटन मंत्री सतपाल महाराज और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा0 धन सिंह रावत ने भी विद्यार्थियों को सम्बोधित किया। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में कई उत्कृष्ट कार्य किये जा रहे हैं। इसी तर्ज पर औली में स्कीईंग प्रतियोगिता भी आयोजित की जा रही है। जिससे कि राज्य में विंटर डेस्टीनेशन को भी स्थापित किया जा सकेगा। यही नहीं धार्मिक क्षेत्र में भी गढ़वाल और कुमांऊ के एक-एक दर्जन भगवती मंदिर समूहों को जोड़कर धार्मिक सर्किट विकसित किया जा रहा है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी श्री धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री दिलीप सिंह कुंवर, कुल सचिव ए.के झा, कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो0 पीएस राणा, एनएसएस समन्वयक प्रो0 ओके बेलवाल, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, एसडीएम श्रीनगर डी.एस. नेगी सहित छात्र-छात्राएं आदि मौजूद रहे।