देहरादून। राज्य सरकार द्वारा सुपर-30 योजना आरंभ की गई है। इसके तहत राज्यभर से 30 मेधावी छात्र-छात्राओं को आईआईटी जैसे संस्थानों में दाखिले के लिए नि:शुल्क तैयारी करवाई जाएगी। इसके साथ ही प्रत्येक जिले में एक महाविद्यालय में सिविल सेवा जैसी प्रतियोगिता परीक्षाओं के इच्छुक छात्रों को कोचिंग राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की उपस्थिति में राज्य मंत्री उच्च शिक्षा डॉ. धन सिंह रावत ने जौलीग्रांट में आयोजित एक कार्यक्रम में बताया कि राज्य सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है कि प्रत्येक वर्ष 100 मेधावी परास्नातक छात्रों को पीएचडी के लिए चुना जाएगा तथा उनकी सहायता की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी महाविद्यालय में तिरंगा फहराना, राष्ट्रगीत तथा राष्ट्रगान लागू कर दिया गया हैं। 33 महाविद्यालयों ने प्रसन्नता से ड्रेस कोड को अपना लिया है। 11 तारीख से शैक्षणिक कैलेंडर लागू कर दिया जाएगा। महाविद्यालयों में भी बायोमीट्रिक हाजिरी भी आरम्भ कर दी गई है। हर कॉलेज में शौर्य दीवार का निर्माण किया जाएगा, जिससे छात्र हमारे वीर जवानों से परिचित हो तथा प्रेरणा लें। मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित करते हुए मुख्यमंत्री ने युवाओं से कहा कि जिस प्रकार हमारी परंपरा में पितृों के ऋण को चुकाने की बात की जाती है, उसी प्रकार शिक्षित तथा सफल होने के बाद हमें गुरुजनों तथा शिक्षा का ऋण समाज के अन्य अशिक्षित लोगों को शिक्षित कर चुका सकते हैं। उत्तराखंड 89 प्रतिशत साक्षर राज्य है, परंतु आज भी 11 प्रतिशत अशिक्षित हैं। अत: मेधावी छात्रों को इस दिशा में योगदान देना होगा। उन्होंने कहा कि युवाओं को स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करने होंगे तथा उन्हें पाने के हरसंभव प्रयास करने होंगे। युवाओं को निसंकोच अपने विचार व्यक्त करने चाहिए।