देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित किये जाने से सम्बन्धित कार्ययोजना बनाये जाने से सम्बन्धित बैठक सचिवालय सभागार में आयोजित हुई।
बैठक में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने परिवहन, नगर निगम, उद्योग, निर्माण कार्य से जुड़े विभागों को निर्देश दिए कि दूषित वायु से आम जन को निजात दिलाने के लिए वे अपने -अपने विभागों की कार्य योजना के साथ आगामी बैठक में आए। उन्होंने विभागों द्वारा वायु प्रदूषण नियंत्रण के मध्यनजर अब तक किए गए प्रयासों की अद्यतन प्रगति के साथ बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव द्वारा देहरादून, ऋषिकेश तथा काशीपुर में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए अपनाए जाने वाले उपायों को शामिल करते हुए सम्बन्धित विभागों को आगामी बैठक में ठोस कार्ययोजना सहित प्रतिभाग करने के निर्देश दिए।
इस क्रम में मुख्य सचिव द्वारा प्रबंध निदेशक परिवहन निगम को निर्देश दिए गए कि 15 वर्ष पुराने डीजल चलित वाणिज्यिक वाहनों को फेज ऑउट करने के सम्बन्ध में अन्य राज्यों के अनुभवों का भी अध्ययन किया जाए। उन्होंने वाणिज्यिक वाहनों हेतु सी0एन0जी0 एवं एल0पी0जी0 लागू करने, शत-प्रतिशत पी0यू0सी0 सार्टिफिकेट जारी करने, वाणिज्यिक वाहनों की निरंतर फिटनैस चेक करने आदि को भी भावी कार्ययोजना में शामिल करने के निर्देश एम.डी. परिवहन निगम तथा परिवहन आयुक्त को दिए।
सड़क से उठने वाले धूल के नियंत्रण के संबंध में मुख्य सचिव द्वारा नगर निगम को सड़कों की निरंतर सफाई एवं जल छिड़काव करने, पैदलपथ पक्का करने, सड़क के किनारे वृक्षारोपण करने तथा शहर के खुले स्थानों व स्कूलों में सघन पौधारोपण के कार्यों को कार्ययोजना में सम्मिलित करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माण सम्बन्धी गतिविधियों के संबंध में कार्यदायी संस्थाओं को निर्माण साईडस को कवर कराने, सामग्री का भंडारण खुले में न करने, सड़क किनारे निर्माण सामग्री को एकत्र करने पर सख्ती से अंकुश लगाने के निर्देश दिए तथा तदनुसार कार्ययोजना बनाने के निर्देश निर्माण कार्य से जुड़े विभागों को दिए।
औद्योगिक ईकाइयों के सम्बन्ध में उद्योगों में क्लीन फ्यूल इस्तेमाल कराने, नये स्थापित उद्योगों में ठोस ईंधन को प्रतिबंधित कराने को भी कार्ययोजना में शामिल करने के निर्देश उद्योग एवं सम्बन्धित विभाग को दिए।
इसी क्रम में देहरादून शहर में वायु प्रदूषण की निरंतर मॉनीटिरिंग करने के लिए 03 स्थानों पर मॉनीटिरिंग स्टेशन स्थापना एवं काशीपुर एवं ऋषिकेश में भी 01-01 मॉनीटिरिंग स्टेशन स्थापना के निर्देश मुख्य सचिव द्वारा दिए गए।
मुख्य सचिव ने बैठक में तीनों शहरों में वायु प्रदूषण के स्त्रोत एवं वायु प्रदूषण में इनके योगदान के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने वायु प्रदूषण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूलों एवं विभिन्न प्राधिकारियों के सहयोग से जन जागरूकता कार्यक्रम चलाने के भी निर्देश दिए। साथ ही वायु प्रदूषण से संबंधित शिकायत एवं इनके निदान के लिए android/ios application तैयार करने के निर्देश दिए।
बैठक का संचालन करते हुए सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड श्री एस.पी. सुबुद्धि ने बताया कि एन.जी.टी द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में वायु प्रदूषण में मुख्य रूप से देहरादून, ऋषिकेश व काशीपुर के संबंध में अवगत कराया गया है कि इन तीनों शहरों में वायु प्रदूषण की मात्रा निरंतर मानकों से अधिक आ रही हैं।
बैठक में प्रमुख सचिव वन श्री आनन्द वर्द्धन, सचिव वित्त श्री अमित सिंह नेगी, सचिव वन एवं पेयजल श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर, सचिव चीनी श्री हरबंस सिंह चुघ, सचिव कृषि श्री आर.मीनाक्षी सुन्दरम तथा पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ अंकुर सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने परिवहन, नगर निगम, उद्योग, निर्माण कार्य से जुड़े विभागों को निर्देश दिए कि दूषित वायु से आम जन को निजात दिलाने के लिए वे अपने -अपने विभागों की कार्य योजना के साथ आगामी बैठक में आए। उन्होंने विभागों द्वारा वायु प्रदूषण नियंत्रण के मध्यनजर अब तक किए गए प्रयासों की अद्यतन प्रगति के साथ बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव द्वारा देहरादून, ऋषिकेश तथा काशीपुर में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए अपनाए जाने वाले उपायों को शामिल करते हुए सम्बन्धित विभागों को आगामी बैठक में ठोस कार्ययोजना सहित प्रतिभाग करने के निर्देश दिए।
इस क्रम में मुख्य सचिव द्वारा प्रबंध निदेशक परिवहन निगम को निर्देश दिए गए कि 15 वर्ष पुराने डीजल चलित वाणिज्यिक वाहनों को फेज ऑउट करने के सम्बन्ध में अन्य राज्यों के अनुभवों का भी अध्ययन किया जाए। उन्होंने वाणिज्यिक वाहनों हेतु सी0एन0जी0 एवं एल0पी0जी0 लागू करने, शत-प्रतिशत पी0यू0सी0 सार्टिफिकेट जारी करने, वाणिज्यिक वाहनों की निरंतर फिटनैस चेक करने आदि को भी भावी कार्ययोजना में शामिल करने के निर्देश एम.डी. परिवहन निगम तथा परिवहन आयुक्त को दिए।
सड़क से उठने वाले धूल के नियंत्रण के संबंध में मुख्य सचिव द्वारा नगर निगम को सड़कों की निरंतर सफाई एवं जल छिड़काव करने, पैदलपथ पक्का करने, सड़क के किनारे वृक्षारोपण करने तथा शहर के खुले स्थानों व स्कूलों में सघन पौधारोपण के कार्यों को कार्ययोजना में सम्मिलित करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माण सम्बन्धी गतिविधियों के संबंध में कार्यदायी संस्थाओं को निर्माण साईडस को कवर कराने, सामग्री का भंडारण खुले में न करने, सड़क किनारे निर्माण सामग्री को एकत्र करने पर सख्ती से अंकुश लगाने के निर्देश दिए तथा तदनुसार कार्ययोजना बनाने के निर्देश निर्माण कार्य से जुड़े विभागों को दिए।
औद्योगिक ईकाइयों के सम्बन्ध में उद्योगों में क्लीन फ्यूल इस्तेमाल कराने, नये स्थापित उद्योगों में ठोस ईंधन को प्रतिबंधित कराने को भी कार्ययोजना में शामिल करने के निर्देश उद्योग एवं सम्बन्धित विभाग को दिए।
इसी क्रम में देहरादून शहर में वायु प्रदूषण की निरंतर मॉनीटिरिंग करने के लिए 03 स्थानों पर मॉनीटिरिंग स्टेशन स्थापना एवं काशीपुर एवं ऋषिकेश में भी 01-01 मॉनीटिरिंग स्टेशन स्थापना के निर्देश मुख्य सचिव द्वारा दिए गए।
मुख्य सचिव ने बैठक में तीनों शहरों में वायु प्रदूषण के स्त्रोत एवं वायु प्रदूषण में इनके योगदान के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने वायु प्रदूषण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूलों एवं विभिन्न प्राधिकारियों के सहयोग से जन जागरूकता कार्यक्रम चलाने के भी निर्देश दिए। साथ ही वायु प्रदूषण से संबंधित शिकायत एवं इनके निदान के लिए android/ios application तैयार करने के निर्देश दिए।
बैठक का संचालन करते हुए सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड श्री एस.पी. सुबुद्धि ने बताया कि एन.जी.टी द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में वायु प्रदूषण में मुख्य रूप से देहरादून, ऋषिकेश व काशीपुर के संबंध में अवगत कराया गया है कि इन तीनों शहरों में वायु प्रदूषण की मात्रा निरंतर मानकों से अधिक आ रही हैं।
बैठक में प्रमुख सचिव वन श्री आनन्द वर्द्धन, सचिव वित्त श्री अमित सिंह नेगी, सचिव वन एवं पेयजल श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर, सचिव चीनी श्री हरबंस सिंह चुघ, सचिव कृषि श्री आर.मीनाक्षी सुन्दरम तथा पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ अंकुर सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।