देहरादून। प्रदेश सरकार ने प्रदेश की 18 मंडी समितियों को बहाल करने के आदेश दिए हैं। इस संबंध में जारी अधिसूचना के साथ ही इन मंडी समितियों में तैनात रहे अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य भी बहाल हो गए हैं। इन सभी समितियों को भाजपा सरकार के गठन के बाद 28 मार्च को भंग कर उनमें प्रशासक नियुक्त कर दिए गए थे।
प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद सरकार ने प्रदेश की सभी 18 मंडी समितियों को भंग कर दिया था। इस मामले को लेकर खासा विवाद भी हुआ। सरकार के इस कदम को गलत बताते हुए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई। याचिका में कहा गया कि मंडी समिति के अध्यक्ष का कार्यकाल नियमानुसार दो वर्ष होता है लेकिन सरकार ने इन्हें नियत कार्यकाल से पहले ही भंग कर दिया है।
हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए सरकार को इन मंडी समितियों को बहाल करने के आदेश जारी किए थे। हालांकि, इसके बाद मंडी समितियों में वापस प्रभार ग्रहण करने पहुंचे अध्यक्ष व सदस्यों को यह कहते हुए कार्यभार ग्रहण नहीं कराया गया कि अभी इसमें शासन से आदेश नहीं हुए हैं। मामले में बढ़ते दबाव को देखते हुए शासन ने सोमवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए।
ये मंडी समितियां हुई बहाल
देहरादून, ऋषिकेश, विकासनगर, ज्वालापुर, भगवानपुर, लक्सर, रामनगर, टनकपुर, खटीमा,गदरपुर, किच्छा, काशीपुर, रुद्रपुर, जसपुर, सितारगंज, नानकमत्ता, हल्द्वानी व रामनगर।