देहरादून। आर्मी चीफ बिपिन रावत ने कहा है कि कई बार ऑपरेशन के दौरान महिलाएं सामने आ जाती हैं, इसलिए महिला जवानों की भर्ती जरूरी है। रावत ने कहा पहले हम मिलिटरी पुलिस में महिलाओं की भर्ती करेंगे, अगर सफलता मिलती है तो आगे विचार होगा।
आर्मी चीफ उत्तराखंड की राजधानी राजधानी देहरादून में आज IMA के पासिंग आउट परेड के मौके पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कई बड़ी बातें कहीं। आर्मी चीफ ने कहा, ‘कई बार हम जब ऑपरेशन करने जाते हैं तो आवाम का सामना करना पड़ता है. कई बार महिलाएं हमारे सामने आ जाती हैं. ऐसे में पुरुष जवान उनके खिलाफ कार्रवाई करने में झिझकते हैं। हमें जवान वाले रैंक में भी महिलाओं की जरूरत है।’’ साथ ही साथ कई बार कार्यक्रमों में हमें महिला पुलिस की जरूरत पड़ती है। अगर हमारे पास महिला सैन्य जवान होंगे तो हमें पुलिस की मदद नहीं लेनी पडे़गी। कश्मीर में सैनिकों पर हमले और अलगाववाद के सवाल पर जनरल रावत ने कहा कि कश्मीर में भ्रामक प्रचार किया जा रहा है। सोशल मीडिया के जरिये वहां के नौजवानों को भड़काया जा रहा है। उन्हें बहलाया फुसलाया जा रहा है। इससे वह गलत रास्ते पर चले गए हैं। हमारी कोशिश यही रहेगी कि जो नौजवान जो गलत रास्ते पर चले गए हैं, वे हथियार डालकर हमारे साथ मिलजुलकर काम करें। जो फौज और अन्य सिक्योरिटी फोर्स जम्मू कश्मीर में तैनात की गई हैं वह चाहती है कि वहां अमलशांति बहाली हो। हम लोग वहां मारकाट करने के लिए तैनात नहीं हुए हैं। जब भी फौज को बुलाया जाता है तो फौज को अमन और शांति बहाल करने के लिए बुलाया जाता है। उसी मकसद से हम काम करते हैं। सेना में तकनीक के इस्तेमाल से जुड़े सवाल पर जनरल रावत ने कहा कि आज कल का जो आतंकवाद है, वह नईनई कार्रवाई ढूंढता है। हमें भी उसी तरह से सोच विचार करना है। कार्रवाई किस तरह से हो और उसे विफल करने के लिए हमें क्या करना है। इसके लिए हमें प्रशिक्षण और तकनीक जवानों को देनी होगी। क्योंकि तकनीक के जरिए ही हम पता कर सकते हैं कि आतंकी किसी तरह की हरकत कर रहे हैं।