देहरादून। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को सचिवालय में गृह विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग को सख्त निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति से कोई समझौता नही किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग दुर्दान्त और हिस्ट्री शीटर अपराधियों से सख्ती से पेश आए। जेलों में बन्द अपराधियों द्वारा अपराध का संचालन कतई बर्दाश्त नही किया जायेगा और इसे रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये जायें। उन्होंने कहा कि जेलों से अपराध संचालन पर जेलर की सीधे जिम्मेदारी तय की जायेगी। मुख्यमंत्री ने अवैध खनन रोकने में पुलिस विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका बताते हुए कहा कि अवैध खनन से पर्यावरण के साथसाथ प्रदेश के राजस्व को भी बडा नुकसान होता है। अवैध खनन रोकने के लिए पुलिस विभाग, वन विभाग और जिला प्रशासन की संयुक्त टीमें बना कर कार्यवाही की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बाहर के अपराधियों के लिये उत्तराखण्ड को शरण स्थली नही बनने दिया जायेगा। इसके लिये उन्होंने पुलिस महानिदेशक को हर सम्भव कदम उठाने को कहा है। एसडीआरएफ की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने आपदा में खोज एवं बचाव हेतु रात्रिकालीन उपकरणों की उपलब्धता पर ध्यान देने के निर्देश दिये। उन्होंने पर्याप्त मात्रा में सैटेलाइट फोन की उपलब्धता और दूरस्थ तथा दुर्गम इलाकों में कनेक्टिविटी पर भी विशेष बल दिया। मुख्यमंत्री ने चारधाम और कावड़ मेले को ध्यान में रखते हुए पुलिस विभाग को चाकचैबन्द रहने के निर्देश भी दिए। उन्होंने प्रदेश में नशे के कारोबार का समूल उन्मूलन करने के लिये पुलिस विभाग को व्यापक अभियान चलाने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग के लिए आवश्यक भवनों के निर्माण हेतु प्राथमिकता निर्धारित करते हुए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने नरेन्द्र नगर में निर्माणाधीन पुलिस ट्रेनिंग काॅलेज के लिये बजट की व्यवस्था हेतु प्रमुख सचिव गृह को प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। बैठक में पुलिस महानिदेशक द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य पुलिस में कुल 26,000 कार्मिक, 59 आईपीएस, 98 पीपीएस, 273 निरीक्षक, 1775 उपनिरीक्षक, 1697 हेड कांस्टेबल, 17469 कांस्टेबल हैं। राज्य में 156 पुलिस स्टेशन, 233 पुलिस चैकी, 33 फायर स्टेशन है। 03 पीएसी एवं 02 आईआरबी वाहिनियां है। वर्ष 201617 हेतु राज्य पुलिस का कुल बजट 1534 करोड़ रूपये था। यह भी बताया गया कि 01 जनवरी से 31 मार्च 2017 की तीन माह की अवधि में डकैती, लूट, चैरी, हत्या आदि में कुल 487 मामले पंजीकृत हुए जिसमें 280 मामलों के अनावरण में पुलिस को सफलता प्राप्त हुई। बैठक में प्रमुख सचिव डाॅ. उमाकांत पंवार एवं पुलिस महानिदेशक श्री एमए गणपति सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।