देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को सीएम आवास स्थित कैम्प कार्यालय में नमामी गंगे प्रोजेक्ट की समीक्षा की। समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री श्री रावत ने नमामी गंगे प्रोजेक्ट के अंतर्गत बनाये जा रहे घाटों एवं श्मशान घाटों की विस्तार से जानकारी ली। प्रोजेक्ट की कार्यदायी संस्थाओं वेबकास्ट और सिंचाई विभाग को मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिये कि घाटों में सीवेज ट्रीटमेंट, बायोटाॅयलेट्स, चेंजिंग रूम आदि की सुदृढ़ व्यवस्था की जाए। घाटों के सौन्दर्यीकरण हेतु हैरीटेज लुक का भी ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि घाटों में पानी की व्यवस्था हेतु सोलर पम्प को प्राथमिकता दी जाए। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि नमामी गंगे योजना के तहत बनाये जाने वाले घाटों में कनखल एवं खड़खड़ी घाटों सहित उत्तरकाशी में मातली के नजदीक चुंगी बड़ेथी को भी इसमें शामिल किया जाए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि श्मशान घाटों में ऐसे शवदाह गृहों का निर्माण किया जाए जिसमें कम लकड़ी का प्रयोग होता हो। हमें नमामि गंगे के साथसाथ पर्यावरण का भी ख्याल रखना होगा। उन्होंने निर्देश दिये कि ऐसे श्मशान घाटों, जहाँ लोगों को लकड़ी की समस्या होती है, में वुड स्टोर की व्यवस्था की जाए। साथ ही जनमानस की आस्था का पूरा ख्याल रखा जाए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि घाटों में सीवेज ट्रीटमेंट का विशेष ख्याल रखा जाए। इस प्रोजेक्ट को समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाय। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री प्रकाश पंत, श्री मदन कौशिक, सचिव श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी सहित वेबकास्ट एवं सिंचाई विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।