देहरादून। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरूवार को सचिवालय में समाधान पोर्टल की समीक्षा की। बैठक में एनआईसी के अधिकारियों द्वारा समाधान पोर्टल का प्रस्तुतीकरण दिया गया। मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिए गए कि राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं/वस्तुओं को प्रदान किये जाने में अड़चनरु/अनौचित्यपूर्ण विलम्ब, नियमविरूद्ध किसी भी अधिकारी के कार्य में अनियमतता, किसी योजना/कार्यक्रम में अनियमितता अथवा अक्रियान्वयन की शिकायत पर त्वरित एक्शन लेते हुए दो घण्टे के भीतर शिकायतकर्ता को उसकी शिकायत का ऐक्नोलेजमेन्ट या पावती दिया जाय तथा देने के लिए समुचित तंत्र विकसित किया जाय। मुख्यमंत्री श्री रावत ने सुझाव दिया कि समाधान पोर्टल के साथ ही जन शिकायतों के त्वरित निवारण हेतु एक समेकित टोल फ्री नम्बर की शुरूआत के साथ राज्य एवं जिला स्तर पर काॅल सेन्टरस् स्थापित किये जाय। इसके साथ ही जन शिकायतों के त्वरित निवारण हेतु सोशल मीडिया के अन्तर्गत वाट्सएप एवं इस प्रयोजन हेतु विकसित विशेष एपस् की भी सहायता ली जा सकती है। राज्य सरकार द्वारा जन शिकायत निवारण तंत्र को और अधिक प्रभावी तथा रिस्पाॅन्सिव बनाने हेतु समाधान वेब पोर्टल, काॅल सेन्टर व्यवस्था तथा सोशल मीडिया का समेकन या इन्टिग्रेशन किया जायेगा। मुख्यमंत्री द्वारा मुख्यतः जन शिकायतों के निवारण हेतु त्वरित कार्यवाही व तीव्र एवं सकारात्मक रिस्पाॅन्स पर बल दिया गया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जन शिकायतों के तीव्र निवारण हेतु समाधान वेब पोर्टल, काॅल सेन्टरस एवं सोशल मीडिया का अनुश्रवण शासन स्तर से एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा सुनिश्चिित किया जाय। मुख्यमंत्री जी के सुझावों के अनुसार प्राप्त जन शिकायतों के शीघ्र निवारण हेतु सम्बन्धित विभाग में भी एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जा सकता है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि पर्यटन राज्य होने के कारण उत्तराखण्ड में सशक्त एवं प्रभावी शिकायत तंत्र विकास की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। बैठक में अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव वित्त तथा सचिव मुख्यमंत्री ने समाधान पोर्टल में सुधार के लिए विभिन्न सुझाव दिए। बैठक में अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री ओमप्रकाश, प्रमुख सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव मुख्यमंत्री श्रीमती राधिका झा एवं एनआईसी के अधिकारी उपस्थित थे।